इस दुनिया में ऐसी कई जगहें हैं, जिनके रहस्यों को आजतक कोई सुलझा नहीं पाया है। ऐसा ही एक गांव है जिसके बारें में कहा जाता है कि यहां जानें वाला कभी वापस लौटकर नहीं आता। इस गांव को कई लोग मुर्दों का गांव कहते हैं। यह पांच पहाड़ों से घिरा हुआ है।
गांव में पहाड़ी के पत्थरों से बनी कई झोपड़ियां हैं। कुछ झोपड़ियां तो चार मंजिला तक बनी हुई हैं और हर मंजिल पर शवों को दफनाया गया है। यहां रखे कुछ शव तो 16वीं शताब्दी तक के हैं। माना जाता है कि स्थानीय लोग अपने परिजनों के शवों को यहां रखते थे। वहीं, कई कब्रें जमीन के अंदर खुदी हुई भी मिली हैं।
हालांकि, यह जगह देखने में काफी खूबसूरत है, लेकिन ये खूबसूरती आपकी जान ले सकती है। यही वजह है कि यहां घूमने के लिए पर्यटक नहीं जाते हैं। इस गांव का दूसरा नाम सिटी ऑफ डेड भी रखा गया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि जो भी इस गांव में जाता है, वह कभी वापस जिंदा लौटकर नहीं आता है। यहां जाने का रास्ता भी काफी दुर्गम है और मौसम की परिस्थितियां भी अनुकूल नहीं रहती हैं। आपको बता दें ये गांव रूस में है।
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एक कहानी यह भी है
कुछ लोगों का मानना है कि 18वीं सदी में लोग अपने परिवार के बीमार सदस्यों को इन इमारतों में रखा करते थे। उन्हें इन इमारतों में भोजन और अन्य आवश्यक चीजों दी जाती थीं, लेकिन मौत होने तक उन्हें घर से बाहर निकलने की अनुमति नहीं होती थी। इसीलिए इस गांव में हर कहीं लाशें ही लाशें दिखती हैं। इस गांव के दूर-दूर तक इलाके में कोई नहीं रहता है।
ये लोग कैसे जीते थे
यह जगह रहस्यमयी और एडवेंचर से भरी हुई है, लिहाजा वैज्ञानिकों की भी इस गांव में विशेष रुचि है। यहां रहने वाले ग्रामीणों की जीवनशैली का पता लगाने के लिए दुनियाभर के वैज्ञानिक नियमित रूप से इस गांव पर शोध करने के लिए आते रहते हैं। मगर, कोई भी यहां रुकता नहीं है। पुरातत्वविदों को इन कब्रों के पास से कुछ नावें भी मिली हैं। उनका मानना है कि मृतकों को नाव के आकार के लकड़ी के बक्से में दफन किया जाता रहा होगा।
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हालांकि, यह बात अभी भी एक रहस्य है कि नावों को यहां क्यों रखा गया था। कुछ लोगों का यह मानना है कि आत्मा को स्वर्ग तक पहुंचने में ये नावें मददगार होती थीं। इसलिए उन्हें एक नाव के आकार वाले ताबूत में दफनाया गया था। ताकि मरने के बाद आत्मा को स्वर्ग जाने में कोई परेशानी नहीं हो।
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इस गांव में कुएं भी है रहस्य
पुरातत्वविदों को भी हर कब्रगाह के सामने एक कुंआ मिला है। यह माना जाता है कि रिश्तेदारों की शवों को दफनाने के बाद इन कुओं में सिक्के फेंके जाते थे। अगर सिक्का कुएं के तल पर टकराता था, तो माना जाता था कि आत्मा स्वर्ग पहुंच गई है। वहीं, यदि ऐसा नहीं होता था, तो माना जाता था कि आत्मा को मोक्ष नहीं मिला है और वह अभी भटकती रहेगी।
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