नसीब

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एक वक्त था,

तू मेरे करीब था।

कोई ना था अपना मेरा,

जब तू मेरा नसीब था।

दुनिया ने ठुकराया था, तूने ही तो अपनाया था।

आज अकेला छोड़ दिया है,

तुझे भी उनमें मैंने जोड़ दिया है।

कभी तू मेरा नसीब था,

आज तू मेरा अतित हैं।

कहूं किसे मैं ये जाकर कि,

तू ही मेरा नसीब है।

– सोनम सिंह

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