Valentine Day : लैला-मजनूं मजार पर लगता है प्यार करने वालों का मेला

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राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले में एक ऐसी जगह है जहां प्यार करने वालों के लिए हर दिन वैलेंटाइन डे होता है. और प्यार करने वालों का यहां आना-जाना लगा रहता है। न्यूज 18 की खबर के अनुसार हम बात कर रहे हैं भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास लैला-मजनूं मजार की। यह मजार श्रीगंगानगर के अनूपगढ़ में सरहद से 10 किलोमीटर दूर बिंजौर गांव में है।

यूं तो यहां हर साल जून के महीने में मेला लगता है। लेकिन यहां प्रेमी जोड़ों का आना-जाना हमेशा लगा रहता है। खासतौर पर वैलेंटाइन डे के दिन पिछले कई सालों यहां मेले जैसा हुजूम लगने लगा है।

यहां सजदा कर एक-दूसरे का साथ उम्रभर निभाने की कसमें खाई जाती हैं और मन्नतों के धागे बांधे जाते हैं। यहां प्रेमी-प्रेमिकाओं द्वारा चादर, नमक, झाड़ू ,नारियल और प्रसाद चढ़ाया जाता है। लैला मजनू की मजार सभी धर्म और जाति के लोगों में आकर्षण और आस्था का केंद्र है। मजार पर हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सब धर्मों के लोग माथा टेकते हैं।

मजार के सेवादार हुकुम सिंह के मुताबिक यह धारणा प्रचलित है कि लैला-मजनू ने पाकिस्तान से यहां आकर दम तोड़ा था। उसी धारणा के चलते न केवल राजस्थान बल्कि पंजाब और हरियाणा के प्रेमी जोड़े अपने प्रेम के सफल होने की कामना को लेकर यहां पहुंचते हैं।

Laila-Majnu

हुकुम सिंह के अनुसार सरहदी क्षेत्र होने के कारण बीएसएफ और भारतीय सेना के जवानों के लिए भी यह मजार आस्था का केंद्र है। जून माह में लगने वाले लैला-मजनू मेले में प्रेमी जोड़ों के महिला और पुरुष कबड्डी, वॉलीबॉल और कुश्ती प्रतियोगिता का भी आयोजन होता है। इसमें राजस्थान, हरियाणा और पंजाब की टीमें भाग लेती हैं। मेले में गायक कलाकारों द्वारा कव्वाली का कार्यक्रम भी पेश किया जाता है।

मेला कमेटी के सदस्यों और अन्य बुजुर्गों के अनुसार तारबंदी से पूर्व पाकिस्तान से भी बड़ी संख्या में लोग यहां आते थे। लेकिन सन 1971 के बाद मेले में पाकिस्तान से लोगों का आना लगभग बंद हो गया। हालांकि मजार के प्रति आस्था और श्रद्धा का आलम सीमा के इस तरफ से लगातार बढ़ता जा रहा है।