Chhattisgarh Unemployment Rate: छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनावों में इस बार भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस शासित सरकार को बीजेपी के रमन सिंह कड़ी चुनौती दे रहे हैं। रमन सिंह दिसंबर 2003 से दिसंबर 2018 तक, यानी 15 साल तक लगातार तीन बार राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके हैं।
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, सीएम भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के सत्ता में आने पर कृषि लोन माफ करने का अपना वादा दोहराया। उनकी सरकार ने पिछले पांच साल में कल्याणकारी योजनाओं पर 1.75 लाख करोड़ रुपये खर्च किए हैं।
इस बार छत्तीसगढ़ चुनाव में कांग्रेस के सामने एंटी इनकमबेंसी चुनौती है। इसी बीच मार्च में राज्य सरकार ने 2,500 रुपये सीधे बेरोजगार शिक्षित युवाओं के बैंक खातों में ट्रांसफर करने की घोषणा की। इस योजना के लिए 250 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए थे। अब अगला मुख्यमंत्री कौन होगा इसका फैसला 3 दिसंबर तक हो ही जाएगा लेकिन इस बीच छतीसगढ़ का मॉडल चर्चा में आया है।
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छत्तीसगढ़ में सबसे कम है बेरोजगारी दर
पिछले साल दिसंबर में सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, नवंबर 2022 के महीने में छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर 0.1 थी, जो देश में सबसे कम है। वहीं, इसी दौरान भारत की बेरोजगारी दर 8.2% दर्ज की गई, जबकि, मध्य प्रदेश में बेरोजगारी दर 6.2% दर्ज की गई।
इन आंकड़ों का हवाला देते हुए, कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ में कम बेरोजगारी दर के लिए “शहरी-ग्रामीण अर्थव्यवस्था को संतुलित करने और नए रोजगार के अवसर पैदा करने वाली राज्य सरकार की योजनाओं” को वजह बताया। एक और महत्वपूर्ण फैक्ट यह भी है कि जब अप्रैल 2020 में कोरोना महामारी के कारण लगे लॉकडाउन की वजह से पूरे देश में 23.5% की उच्च बेरोजगारी दर थी, तब भी छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर सबसे कम दर्ज की गई थी।
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CMIE के आंकड़ों के अनुसार, छत्तीसगढ़ में उन 12 महीने में सबसे कम 3.4% बेरोजगारी दर्ज रिकॉर्ड की गई थी। उस समय, RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने महामारी और उसके परिणामस्वरूप लॉकडाउन के दौरान प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद कृषि और उससे जुड़े सेक्टर में अग्रणी रहने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार की सराहना की थी।
Out of the 5 #election-bound states, except for #Chhattisgarh and #MadhyaPradesh, youth #unemployment rate was higher than national average in the rest of the states of R#ajasthan, #Telangana and #Mizoram.
A similar pattern was also seen in the overall unemployment rate for the… pic.twitter.com/uZmxy1DtrW
— The Indian Express (@IndianExpress) October 17, 2023
क्या है छत्तीसगढ़ मॉडल
कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी को ‘हराने’ की स्कीम का मुख्य रूप से जिक्र किया था. कांग्रेस ने ऋण-माफी और समर्थन मूल्य में वृद्धि, जैसी राज्य सरकार की ओर से शुरू की गई स्कीम का हवाला देकर कहा कि राज्य में बेरोजगारी में कमी इसी वजह से आई है।
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बेरोजगारी भत्ता योजना’ के तहत, 18 से 35 साल की आयु के बेरोजगार युवा, जिन्होंने 12वीं कक्षा पास की है और जिनकी वार्षिक पारिवारिक आय 2.50 लाख से कम है, वे 2,500 रुपये प्रति महीने भत्ते के हकदार हैं। बिजनेस स्टैंडर्ड ने छत्तीसगढ़ सरकार के एक बयान का हवाला देते हुए बताया कि 30 अगस्त को राज्य के 129,000 से अधिक रजिस्टर्ड बेरोजगार युवाओं के बैंक खातों में पांचवीं किस्त के रूप में 34.55 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए। रिपोर्ट के अनुसार, बघेल ने कहा कि राज्य सरकार ने पूरे छत्तीसगढ़ में बेरोजगार व्यक्तियों को 146.98 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए हैं।
इकोनॉमी की हेल्थ को दर्शाती है बेरोजगारी दर
CMIE के मुताबिक भारतीय अर्थव्यवस्था की सेहत को बेरोजगारी दर सही तरह से दर्शाती है, क्योंकि यह देश की कुल जनसंख्या में कितने बेरोजगार हैं, इसको बताती है। थिंक टैंक को उम्मीद है कि रबी फसल की बुआई की शुरुआत में तेजी देखने को मिल सकती है। इसका मतलब है कि चालू वित्त वर्ष में एग्री सेक्टर एक बार फिर शानदार प्रदर्शन करेगा। इससे प्रवासी मजदूर खेतों की ओर वापसी करेंगे।
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सबसे कम बेरोजगारी छत्तीसगढ़ में और सबसे ज्यादा हरियाणा
CMIE के अनुसार मार्च में छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर अब तक के सबसे न्यूनतम स्तर 0.60% पर पहुंच गई। यह देश भर में सबसे कम बेरोजगारी दर है। सबसे अधिक बेरोजगारी हरियाणा में 26.70% है।
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कैसे तय होती है बेरोजगारी दर?
साल 2022 दिसंबर आकंड़ो के मुताबिक, बेरोजगारी दर 7.6% रहने का मतलब यह है कि काम करने को तैयार हर 1000 वर्कर में से 76 को काम नहीं मिल पाया। CMIE हर महीने 15 से अधिक उम्र के लोगों का घर-घर जाकर सर्वे करता है और उनसे रोजगार की स्थिति की जानकारी लेता है। इसके बाद जो परिणाम मिलते हैं उनसे रिपोर्ट तैयार की जाती है।
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