ये हलाल हॉलिडेज क्या है, मुस्लिम महिलाओं में अचानक क्यों बढ़ा इसका क्रेज

हलाल हॉलिडेज में परोसा जाने वाला खाना भी खास होता है। उन्हें हलाल मांस परोसा जाता है। खाने के साथ शराब नहीं परोसी जाती। वे चाहें तो गैर-अल्कोहल कॉकटेल पी सकते हैं। शेफ भी मुस्लिम रहते हैं ताकि किसी गलती की कोई गुंजाइश ना रहे।

0
837

एक मार्केट रिसर्च में नया नाम जुड़ा है हलाल। नाम सुनकर आपने अदांजा लगाना शुरु भी कर दिया होगा लेकिन जो आप सोच रहे हैं वैसा नहीं। दरअसल, दुनियाभर में मुसलमानों के बीच अचानक से हॉलिडे (halal holidays) पर जाने का क्रेज बढ़ गया है। ये ही नहीं पिछले कुछ सालों में ये ट्रेंड इतना बढ़ा है कि कई देशों ने सिर्फ हलाल हॉलिडेज के हिसाब से अपने ट्रैवल मार्केट में कई बदलाव किए हैं। सबसे बड़ी बात इसमें मुस्लिम महिलाओं का क्रेंज पुरुषों से ज्यादा है।

अब आपके मन में कई सवाल उठ रहे होंगे…आखिर क्या है ये हलाल हॉलिडे? क्यों ये मुस्लिम ट्रैवलर्स की पहली पसंद बनता जा रहा है? और ये आम हॉलिडेज से किस तरह अलग है? तो चलिए सभी सवालों का जवाब यहां है।

दुनियाभर में मुस्लिम यात्रियों की संख्या साल-दर-साल बढ़ रही है। युवा पीढ़ी जी-भर घूमना चाहती है। उसकी आमदनी ज्यादा है, तो वह खर्च भी ज्यादा कर रही है। हालांकि घूमने का मतलब यह नहीं कि अपनी धार्मिक मान्यताओं का त्याग कर दिया जाए। धर्म का पालन और घूमना, दोनों साथ हो सकते हैं। यही वजह है कि कई देशों में धीरे-धीरे हलाल हॉलिडेज की शुरुआत हुई।

समझिए हलाल हॉलिडेज क्या है?
यह जानने के लिए सबसे पहले हलाल समझ लेते हैं। हलाल अरबी भाषा का शब्द है जिसका मतलब है, वैध। इस्लाम में जिन कार्यों को करने की अनुमति है, वे सब हलाल हैं। धर्म के हिसाब से ये काम वैध हैं और इन्हें किया जा सकता है। इन ‘हलाल’ कामों पर धर्म कोई पाबंदी नहीं लगाता। जैसे हलाल है, उसी तरह हराम भी है। हराम यानी वे काम जिनके करने पर मनाही है, जो प्रतिबंधित हैं। मसलन – इस्लाम धर्म में शराब का सेवन हराम है।

ये भी पढ़ें: भारतीय सीमा पर चीन ने खोद डाली सुरंगें, बना रहा बंकर, तस्वीरों से हुआ खुलासा, क्या है मकसद?

अब आते हैं, हलाल हॉलिडेज पर। इसका मतलब है अपनी धार्मिक मान्यताओं, परंपराओं और नियमों के दायरे में रहते हुए छुट्टियां मनाना। ऐसा पैकेज देने वाले होटल, कंपनियां और देश मुस्लिम समाज के लोगों को उनके धार्मिक रीति-रिवाजों से समझौता किए बिना छुट्टियां मनाने की सहूलियत देते हैं। यानी, अगर आप एक मुसलमान है, आप हलाल हॉलिडेज पर गए हैं, तो आपको आपके धर्म के हिसाब से कुछ चीजें बाकियों से अलग मिलेंगी।

हलाल हॉलिडेज में क्या अलग होता है?
इसमें प्राइवेसी का पूरा ध्यान रखा जाता है। होटल या रिसोर्ट में आने-जाने के लिए पर्सनल गेट होते हैं। अलग लिफ्ट होती है। महिलाओं-पुरुषों के लिए अलग-अलग स्वीमिंग पूल और एंटरटेनमेंट रूम होते हैं। उनके लिए प्राइवेट बीच होते हैं। लिहाज़ा वे बीच (Beach) पर जाकर एंजॉय कर सकते हैं।

मुस्लिम यात्रियों के कमरे आम कमरों से अलग होते हैं। उनके रूम में पवित्र कुरान रखी होती है। उन्हें नमाज के लिए कमरे में चटाई मिलती है। एक डायरेक्शन स्टिकर भी कमरे में होता है, जो बताता है कि मक्का किधर है। महिलाओं के लिए नमाज के कपड़े कमरे में होते हैं। उनसे बात करने के लिए प्रशिक्षित स्टाफ होता है।

हलाल हॉलिडेज में परोसा जाने वाला खाना भी खास होता है। उन्हें हलाल मांस परोसा जाता है। खाने के साथ शराब नहीं परोसी जाती। वे चाहें तो गैर-अल्कोहल कॉकटेल पी सकते हैं। शेफ भी मुस्लिम रहते हैं ताकि किसी गलती की कोई गुंजाइश ना रहे। कई कंपनियां इस्लाम धर्म की बातों का ध्यान रखते हुए पैकेज तैयार कर रही हैं। कुछ इनमें विशेषज्ञता रखती हैं, तो कुछ इसे विकल्प के तौर पर दे रहीं हैं।

ये भी पढ़ें: Asia Cup के आगाज के साथ पाकिस्तान ने दर्ज की सबसे बड़ी जीत, जानें कौन बना प्लेयर ऑफ द मैच

हलाल हॉलिडेज उभरता हुआ बाजार
ग्लोबल मुस्लिम ट्रैवल इंडेक्स के मुताबिक़, 2022 में हलाल ट्रैवल व्यवसाय 220 बिलियन डॉलर का हो चुका है। कुछ कंपनियाँ हलाल पर्यटन में विशेषज्ञता रखती हैं जबकि अन्य इसे एक विकल्प के रूप में शामिल कर रही हैं। मालदीव पश्चिमी देशों में अपने खास होटलों के लिए जाना जाता है, लेकिन यहां अब दुनिया भर से हलाल पर्यटकों की संख्या में वृद्धि देखी जा रही है।

मालदीव के पर्यटन मंत्री डॉ. अब्दुल्ला मौसूम कहते हैं, “मालदीव एक मुस्लिम देश है और हमारे पास पहले से ही मुस्लिम अनुकूल पर्यटन है और यह क्षेत्र बहुत तेजी से बढ़ रहा है।” आंकड़े बताते हैं कि 2016 के बाद से मुस्लिम सैलानियों की संख्या में 30 फीसदी की बढ़त हुई है। 2022 में करीब 11 करोड़ मुस्लिम सैलानियों ने विभिन्न जगहों की यात्राएं की थीं। अगले 10 बरसों में वैश्विक अर्थव्यवस्था में इसकी 300 अरब डॉलर की हिस्सेदारी हो जाएगी।

ये भी पढ़ें: LoksabhaElection 2024: PM मोदी की जगह आगे कौन बीजेपी में हो सकता है PM चेहरा, ये रहा इसका जवाब

इंडोनेशिया और मलेशिया पहली पसंद
साल 2028 तक इसके 225 अरब डॉलर या उससे अधिक के होने की उम्मीद है। इसे इस बात से समझा जा सकता है कि 2021 में अकेले तुर्की में इसका कारोबार 5.7 अरब डॉलर का था। हलाल हॉलिडेज़ मनाने के लिए मुस्लिम यात्री सबसे ज़्यादा इंडोनेशिया और मलेशिया जा रहे हैं। साल 2023 के ग्लोबल मुस्लिम ट्रैवल इंडेक्स में यह बात कही गई है। लिस्ट में अधिकतर मुस्लिम देश हैं। बस दो गैर-मुस्लिम देश हैं – 11वें नंबर पर सिंगापुर और 12वें पर ब्रिटेन।

भारत में भी है हलाल टूरिज्म की सुविधा
भारत में भी हलाल टूरिज्म की शुरुआत काफी पहले हो चुकी है। कई राज्य, टूरिस्ट एजेंसियां और होटल मालिक हलाल हॉलिडेज़ को लेकर काम कर रहे हैं। आपको ऑनलाइन ऐसे कई टूर पैकेज मिल जाएंगे। जैसे- हिमाचल प्रदेश के एक हलाल हॉलिडे पैकेज में अरबी बोलने वाला गाइड साथ देने की बात कही गई है। कई होटल और टूरिस्ट एजेंसियां ख़ुद को हलाल सर्टिफाइड (Halal certified) घोषित कर रही हैं।

ताजा अपडेट्स के लिए आप पञ्चदूत मोबाइल ऐप डाउनलोड कर सकते हैं, ऐप को इंस्टॉल करने के लिए यहां क्लिक करें.. इसके अलावा आप हमें फेसबुकट्विटरइंस्ट्राग्राम और यूट्यूब चैनल पर फॉलो कर सकते हैं।