रिश्तों का मोल – हमारा जीवन माँ, बहन, भाई या पिता तक ही सीमित नहीं हैं।

मेरी कलम से - रिश्तों का मोल

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इज़्ज़त का क्या मतलब हैं ये हर कोई समझता हैं। आज मैं ये टॉपिक लायी क्योंकि मैं इस बारे में बहुत कुछ सोचती हूँ।  जो मैं कहना चाहती हूँ। देखी हूँ कहते,करते इज़्ज़त माँ बाप की, बात इतनी सी ही हैं कि क्या इज़्ज़त इतना काफ़ी हैं। हम सारी उम्र माँ बाप की सेवा की इज़्ज़त की तो क्या हम एक सफल जीवन जी लिए ?

मेरे ख्याल से नहीं, माना कि आप माँ बाप की अहमियत समझ चुके हैं पर इतना काफ़ी नहीं। किसी अजनबी की इज़्ज़त करना, मदद करना,इंसानियत के धर्म का परिचय दिया आपने पर अभी आप बहुत कुछ miss( भूल) कर रहे।

एक छोटा सा उदाहरण हैं फ्रेंडशिप डे,वैलेंटाइन्स डे ये ऐसा दिन हैं जब हम अपने दोस्तों और अपने प्यार करने वालो को एहसास दिलाते हैं। माना प्यार माँ ,बहन, भाई,पिता भी हैं, इस दिन आप उन्हें प्यार का एहसास दिलाये बहुत ही बेहतर काम, पर इसके अलावा वो भी हैं जो हम उनसे और वो हमसे प्यार करते हैं। प्रेमी,प्रेमिका, वाइफ, हसबैंड ये रिश्ते, इनका भी बहुत महत्वपूर्ण हैं हमारे जीवन में, हम ये कह दे कि आज मैं एक तोहफा दिया इस दिन माँ,भाई ,बहन को या पिता जी को मुझे सच्ची खुशी की अनुभूति हुई।

मैं ये कहना चाह रही थी कि माँ, भाई, बहन,बाप के साथ साथ जो भूल जाये हैं की और भी रिश्ते उनसे जुड़े हैं। उनका  भी उतना ही महत्व हैं हमारे जीवन में उन्हें खुशी देना भी हमारा फर्ज हैं। जीवन में उनको भी एहसास दिलाये की उनका भी उनके जीवन में कितने महत्वपूर्ण हैं। आप mother’s day, father’s day, etc  को नहीं इनको  wish कर सकते, पर आप friendship’s day, valentine’s day  को माँ, बाप,भाई, बहन, सब को कर सकते हैँ । तभी वो इंसान सम्पूर्ण होगा जो हर रिश्तों को मान दे। वो हम हो या आप।

ये विचार मेरे मन में  ऐसे ही नहीं आया, देखी और सुनी हूँ बड़े गर्व से। यह कहते हुए की माँ को, बहन को आज तोहफा दे कर सच्ची खुशी महसूस हुई । इतना करना क्या काफी हैं? ग़लत  हैं, बिल्कुल दीजिये पर उन्हें भी मत भूलिए जो इसके हक़दार हैं। हर special day का महत्व हैं हर special person  के लिए। रिश्ते बड़े अनमोल होते हैं, सब की एक जगह और एहमियत हैं। कुछ ही रिश्तों को निभाना, बाकी को नजरअंदाज करना रिश्ते कमजोर करना होता हैं। जिस किसी ने भी ये  special days  बनाये हैं, मैं उनके बारे में सोचती हूँ कि कितने बारीकी से सोचा होगा जो हर रिश्ते की  अहमियत क्या है समझा।

यह जो छोटी – छोटी खुशियां हैं ना बहोत महत्वपूर्ण होती हैं हमारे जीवन में । celebrate करते रहना चाहिए,इससे हम कुछ समय के लिए अपनी चिन्ताओं को भूल जाते हैं। कहने से कम नहीं होते की चिंता मत किया करो।  मेरे ख्याल से सभी को चिंता होती हैं । किसी को पढ़ाई को लेकर तो किसी को अपने भविष्य को लेकर। मेरा भी  लिखने का विशेष उदेश्य यहीं था हैं कि सम्पूर्ण जीवन जीने के लिए हर रिश्ते का महत्व हैं। रंग हमको भरना हैं सभी रिश्तों को लेकर चलना हैं। हमारा जीवन माँ, बहन, भाई या पिता तक ही सीमित नहीं हैं।

 ये आलेख हमे  वंदना  | “Baanee” ने “मेरी कलम से” के लिए भेजा है, अगर आप भी कुछ लिखते है तो हमे [email protected] पर अवश्य भेजे अगर  आपका आलेख हमारी एडिटोरियल टीम को पसंद आ गया तो आप हमारी मासिक पत्रिका पञ्चदूत ( हिंदी ) या हमारी WEBSITE के माध्यम से अपना लेख दुनिया को पढ़ायेंगे । पञ्चदूत  को इन्तजार है आपके आलेख का ।

डिस्क्लेमर: इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं। इस आलेख में दी गई कोई भी सूचना अथवा तथ्य और व्यक्त किए गए विचार पञ्चदूत के नहीं हैं, तथा पञ्चदूत उनके लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं हैं ।

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