कोरोना वायरस के संक्रमण से डॉक्टरों और दुनिया के तमाम देशों की लड़ाई कुछ ऐसी है मानों वे किसी अनजाने दुश्मन के खिलाफ लड़ रहे हों। ये आपके शरीर पर किस तरह से हमला करते हैंं जिसके बारें में आपको कुछ नहीं पाता बस लड़ते जाना है। दुनिया भर में कोरोनावायरस से मरने वालों की संख्या बढ़कर तीन हजार से भी ज्यादा हो गई है। वहीं, अब तक कोरोनावायरस से 86,986 लोगों के संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। इस वायरस की चपेट में बच्चे और बुजुर्ग ज्यादा बताएं जा रहे हैं। चीन के बाहर कोरोनावायरस के सबसे ज्यादा ईरान, दक्षिण कोरिया और इटली में फैल रहा है।
क्यों है ये वायरस अधिक जानलेवा-
कोरोना वायरस कई किस्म के होते हैं लेकिन इनमें से छह को ही लोगों को संक्रमित करने के लिए जाना जाता था. मगर नए वायरस का पता लगने के बाद यह संख्या बढ़कर सात हो जाएगी। नए वायरस के जेनेटिक कोड के विश्लेषण से यह पता चलता है कि यह मानवों को संक्रमित करने की क्षमता रखने वाले अन्य कोरोना वायरस की तुलना में ‘सार्स’ के अधिक निकटवर्ती है। सार्स नाम के कोरोना वायरस को काफी खतरनाक माना जाता है। सार्स के कारण चीन में साल 2002 में 8,098 लोग संक्रमित हुए थे और उनमें से 774 लोगों की मौत हो गई थी।
भारत में क्यों फैला कोरोना-
दरअसल, ये बीमारी विदेश से लौटने वाले भारतीयों या सैलानियों के द्वारा भारत में आयी है। जिसका पहला मामला केरल दूसरा दिल्ली तीसरा तेलंगाना चौथा नोएडा और आगरा से मिले हैं। वायरस से पीड़ित सभी लोग ईटली या दुबई से लौटने वाले बताएं जा रहे हैं।
क्या भारत में होगा वायरस बेअसर-
भारत की जिस तरह की स्वास्थ्य प्रणाली है उस तरह से देखा जाए तो भारत इस बीमारी से लड़ने में सक्षम नहीं माना जा रहा है। लेकिन फिर सरकार ने कई कदम उठाए हैं। वहीं हैदराबाद स्थित इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ में असोसिएट प्रोफेसर डॉक्टर सुरेश कुमार राठी का मानना है कि भारत को कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से बहुत ज्यादा चिंतित होने की जरूरत नहीं है। उन्होंने बीबीसी से बातचीत में कहा, “मेरे खयाल से बाकी देशों के मुकाबले भारत में कोरोना का खतरा कम है क्योंकि एचवनएनवन परिवार वाले वायरस ज्यादा तापमान में सर्वाइव नहीं कर पाते और भारत का मौसम अपेक्षाकृत ज़्यादा गर्म होता है। दूसरे, भारत के लोगों में पर्सनल हाइजीन (व्यक्तिगत साफ-सफाई) की आदतें बेहतर हैं, फिर चाहे ये हाथ धोना हो या नहाना-धोना। ये आदतें कोरोना संक्रमण से बचाने में काफ़ी मददगार साबित होंगी।”
मेंदाता अस्पताल के डॉक्टर का कहना है कि भारत में जितनी अधिक गर्मी होगी हम उतना जल्दी इस वायरस से छुटकारा पा सकते हैं। उन्होंने कहा, 35 डिग्री के तापमान पर ये वायरस कम पनपते हैं। वायरस का सबसे ज्यादा खतरा ठंड के समय होता है। ये हमारे लिए अच्छा संकेत हैं कि हम अभी से अलर्ट रहें और इस वायरस को ज्यादा ना बढ़ने दे।
इन 10 बातों का जरूर रखें ध्यान-
कोरोना से निपटने का सही तरीका व्यक्तिगत स्तर ही है। कोरोना संक्रमण को लेकर जागरूकता बरती जाए। संक्रमण के लक्षणों और बचाव के बारे में लोगों को ज्यादा से ज्यादा जानकारी दी जाए। WHO की तरफ से कोरोना वायरस के जो लक्षण बताए गए हैं वो आम सर्दी-जुकाम से बहुत मिलते जुलते हैं। ऐसे में स्वास्थ्य विशेषज्ञों का दावा है कि कुछ बातों का विशेष ध्यान रख इस वायरस से बचा जा सकता है।
1. कोराना वायरस से बचने के लिए हाइजीन बनाए रखना बहुत जरूरी है। अपने आस-पास साफ सफाई का पूरा ख्याल रखें। खांसने के दौरान टिश्यू मुंह पर रखें और फिर उसे कवर्ड डस्टबिन में फेंक दें। समय-समय पर साबुन से हाथ धोते रहें।
2. अच्छे से हाथ धोने के लिए साबुन या सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें। इसके बाद हाथों को करीब 20 सेकंड तक अच्छे से मलते हुए साफ करें। हाथ धोने के बाद किसी साफ कपड़े से पोछें या ड्रायर से हाथों को सुखाएं।
3. घर से बाहर निकलते वक्त मुंह को N95 मास्क से अच्छी तरह कवर करें।
4. बाजार से खरीदे गए किसी भी तरह के खाद्य पदार्थों को कच्चा न खाएं। मांस या हरी सब्जियों को खाने से पहले उसे अच्छे से उबालें।
5. इंफेक्टेड या अंजान व्यक्ति से ज्यादा संपर्क में आने की कोशिश न करें। किसी भी व्यक्ति से हाथ मिलाने के बाद साबुन से अच्छी तरह हाथ धोएं।
6. आंख, नाक या मुंह पर बार-बार हाथ लगाने से परहेज करें। यदि ऐसा कर भी रहे हैं तो तुरंत हाथ-मुंह अच्छे से धोएं।
7. यदि आपको खांसी, जुकाम, बुखार है या सांस लेने में तकलीफ हो रही है तो जल्द से जल्द डॉक्टर से जांच कराएं।
8. डॉक्टर द्वारा दी गई सलाह का नियमित रूप से पालन करें।
9. हाथ मिलाने से बचें
10. अफवाह से बचें, सही जानकारी लोगों को दें।