2024 में क्यों चाहती है भाजपा Youth Parliament, जानिए इसके पीछे का मकसद

2024 के लोकसभा चुनाव से पहले BJP को कई राज्यों में नुकसान हो सकता है। यही वजह है कि BJP की नई स्ट्रैटजी अपने आक्रामक विस्तारवादी एजेंडे को दरकिनार कर

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लोकसभा चुनाव 2024 (2024 election) की तैयारी में जुटी भाजपा नए फॉर्मूलें पर काम कर रही है। मिली जानकारी के मुताबिक, पार्टी आजादी के 100वें साल तक संसद में युवा प्रतिनिधित्व बढ़ाने के लिए काम कर रही है। चुनाव में भाजपा 150 नए प्रत्याशी उतार सकती है। इनमें 41 से 55 साल की उम्र के प्रत्याशियों की संख्या ज्यादा होगी।

पार्टी में मौजूदा सांसदों के टिकट काटने से लेकर नए चेहरों को मौका देने तक पर मंथन जारी है। भाजपा के एक महासचिव ने कहा कि देश में 65% से ज्यादा युवा हैं, ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनका प्रतिनिधित्व बढ़ाना चाहते हैं। अगर एक शख्स को लगातार लोकसभा का टिकट मिलता है तो उसके साथी कार्यकर्ता चुनावी राजनीति से बाहर हो जाते हैं। इसलिए कुछ खास मौकों को छोड़कर किसी एक कार्यकर्ता को 2-3 बार से ज्यादा लोकसभा का प्रतिनिधित्व करने का मौका नहीं दिया जाए। इससे नए लोगों को मौका मिलेगा।

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पहली लोकसभा में 26% सदस्यों की उम्र 40 से कम थी। बाद में संसद में युवा प्रतिनिधित्व कम होता गया। लोकसभा में तीन से 11 बार तक चुनाव जीतने वाले सांसदों की संख्या बढ़ती गई। इसे देखते हुए पार्टी दो या इससे अधिक बार लोकसभा चुनाव जीत चुके नेताओं में से ज्यादातर को संगठन की जिम्मेदारी देने जा रही है।

इसके अलावा अपवाद को छोड़कर किसी को राज्यसभा दो बार से ज्यादा नहीं भेजा जाएगा। 80% ऐसे लोगों को मौका मिलेगा जो कानून, चिकित्सा, विज्ञान, कला, आर्थिक मामले, तकनीक, पर्यावरण और भाषा के जानकार हों। दस सीट पर चुनाव हुए तो 2 ही ऐसे प्रत्याशी होंगे जो जातीय समीकरण या संगठन में योगदान के लिहाज से महत्वपूर्ण होंगे।

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क्यों है बीजेपी का क्षेत्रीय पार्टियों पर फोकस
18 जुलाई को दिल्ली के अशोका होटल में NDA की बैठक में छोटी-बड़ी 38 पार्टियां शामिल हुईं। इनमें से 25 पार्टियां ऐसी हैं, जिनके पास लोकसभा में कोई सीट नहीं है। 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में BJP ने कांग्रेस को बुरी तरह हराकर बहुमत हासिल किया। BJP का अगला शिकार क्षेत्रीय पार्टियां बनने लगीं।

पॉलिटिकल एक्सपर्ट कहते हैं कि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले BJP को कई राज्यों में नुकसान हो सकता है। यही वजह है कि BJP की नई स्ट्रैटजी अपने आक्रामक विस्तारवादी एजेंडे को दरकिनार कर 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए अलायंस यानी सहयोगियों पर ध्यान केंद्रित कर रही है। इसमें कई छोटी पार्टियां भी शामिल हैं।

कौनसी है 38 पार्टियां 

  1. BJP
  2. शिंदे शिवसेना
  3. NCP अजित पवार
  4. अपना दल (एस)
  5. रिप्ब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया यानी RPI
  6. जनसेना पार्टी
  7. नेशनल पीपुल्स पार्टी यानी NPP
  8. हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा यानी हम
  9. नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी यानी NDPP
  10. लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास)
  11. जननायक जनता पार्टी यानी JJP
  12. AIADMK
  13. पाट्टाली मक्कल कॉची यानी PMK
  14. सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा यानी SKM
  15. ऑल झारखंड स्टूडेंट यूनियन यानी AJSU
  16. राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी यानी RLJP
  17. तमिल मनीला कांग्रेस यानी टीएमसी
  18. मिजो नेशनल फ्रंट यानी MNF
  19. असम गण परिषद यानी AGP
  20. यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल यानी UPPL
  21. शिरोमणि अकाली दल (संयुक्त)
  22. ऑल इंडिया एनआर कांग्रेस यानी AINRC
  23. सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी यानी SBSP
  24. निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल यानी निषाद
  25. इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा यानी IPFT
  26. महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी यानी MGP
  27. नगा पीपुल्स फ्रंट यानी NPF
  28. प्रहार जनशक्ति पार्टी यानी PJP
  29. राष्ट्रीय समाज पक्ष
  30. जन सुराज्य शक्ति
  31. कुकी पीपुल्स अलायंस
  32. यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी
  33. हिल स्टेट पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी
  34. हरियाणा लोकहित पार्टी
  35. भारत धर्म जन सेना
  36. केरल कामराज कांग्रेस
  37. पुथिया तमिलगाम
  38. गोरखा नेशनल लिबरेशन फ्रंट

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