युवा पीढ़ी बाहरठ बंधुओं के जीवन दर्शन से प्रेरणा ले – डॉ हरमल रेबारी

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जिला संवाददाता भीलवाड़ा। राष्ट्रीय सेवा योजना के सात दिवसीय विशेष शिविर के तृतीय दिवस के अवसर पर प्रोफेसर रविकांत सनाढ्य के मुख्य आतिथ्य में तथा प्राचार्य डॉ हरमल रेबारी की अध्यक्षता में शौर्य दिवस का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि प्रोफेसर रविकांत सनाढ्य ने अपनी स्वरचित वीरोचित छंदों के माध्यम से अमर शहीद कुं. प्रताप सिंह बारहठ की अप्रतिम वीरता एवं शोर्य को रेखांकित किया। प्राचार्य डॉ हरमल रेबारी ने सोदा बाहरठ बारू के वंशज ठा. केसरी सिंह बारहठ, ठा. जोरावर सिंह बारहठ एवं अमर शहीद कुं. प्रताप सिंह बारहठ के जीवन से जुड़े हुए संस्मरण सुनाते हुए 18 57 की क्रांति के बाद उनके योगदान को रेखांकित कर उनके जीवन दर्शन पर प्रकाश डाला और बताया कि युवा पीढ़ी को इन क्रांतिकारी बाहरठ बंधुओं के जीवन से प्रेरणा लेकर राष्ट्र धर्म का निर्वहन करना चाहिए। डॉक्टर हंसराज सोनी ने कुंवर प्रताप सिंह बारहठ से संबंधित ऐतिहासिक घटनाओं की जानकारी देते हुए बाहरठ परिवार के भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में भागीदारी पर प्रकाश डाला। प्रोफेसर अतुल कुमार जोशी ने बाहरठ परिवार की शहादत को नमन करते हुए उनके जीवन आदर्शों को आत्मसात करने के लिए प्रेरित किया। मातृभूमि सेवा संस्थान दिल्ली के संस्थापक राकेश कुमार ने अपने उद्बोधन में ऐतिहासिक विरासत को संजोने के लिए निरंतर प्रयास करने पर जोर दिया। राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम अधिकारी डॉ रंजीत जगरिया ने स्वयंसेवकों से श्रमदान एवं रंगोली सहित विभिन्न गतिविधियां करवाई। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि केसरी सिंह बारहठ के प्रपौत्र विशाल सिंह बारहठ उनकी धर्मपत्नी अल्का सिंह, ईश्वरदान आशिया के पौत्र सुखदेव सिंह आशिया, पूर्व आईएएस अधिकारी निवेदिता मेहडू, प्रोफेसर रामावतार मीणा, डॉ पुष्कर राज मीणा, प्रोफेसर मूलचंद खटीक, डॉक्टर अनिल कुमार श्रोत्रिय, प्रोफेसर सत्यजीत जेटली, प्रोफेसर नेहा जैन, आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन स्वयंसेवक जय श्री शर्मा और इफ्तिखार फातिमा ने किया। राष्ट्रीय सेवा योजना प्रभारी प्रोफेसर धर्मनारायण वैष्णव ने अतिथियों का आभार व्यक्त किया।

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