युगीन कला साहित्य प्रवाह का मथुरा-वृंदावन साहित्यिक और धार्मिक भ्रमण आज से।

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संवाददाता भीलवाड़ा। भीलवाड़ा में कला और साहित्य से जुड़ी क्षेत्र की प्रतिभाओं को आगे लाने और निखारने में लगी संस्था युगीन कला साहित्य प्रवाह के 11 युवा साहित्यकार गोवर्धन मथुरा वृंदावन गोकुल की 2 दिवसीय साहित्यिक और धार्मिक यात्रा पर जाएंगे। संस्थापक और सर्वाधिक मास्टर डिग्री प्राप्त कर लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स की बराबरी करने वाले व्याख्याता योगेश दाधीच योगसा ने बताया कि 12 मार्च रात्रि से 15 मार्च प्रातः तक की इस अनूठी यात्रा में काव्य मंचों पर हास्य के प्रखर हस्ताक्षर दीपक पारीक, समीक्षा और ग्राम्य जीवन पर लेखनी के कुशल चितेरे सतीश कुमार व्यास आस, बाल साहित्य के क्षेत्र में भीलवाड़ा का नाम राष्ट्रीय स्तर पर दर्ज करवाने वाले डॉ. सत्यनारायण सत्य, साहित्यिक पुरखों पर अपनी कलम से रोमांचित करने वाले असिस्टेंट प्रोफेसर सूर्यप्रकाश पारीक, अपनी लेखनी से व्यंग्य के तीर चलाने वाले अजित सिंह राजपूत कोटड़ी, होली के मधुर गीत से ही सबको सम्मोहित कर लेने वाले टिप्पणीकार सुरेंद्र वैष्णव, जीवन के संघर्षों में सफलता के नए सोपान के रचयिता चन्द्रेश टेलर, पवित्र प्रेम के मधुर चितेरे और छुअन का असर पुस्तक के रचनाकार रोहित विश्नोई सुकुमार, काव्य और कम्प्यूटर तकनीकी पर समान अधिकार रखने वाले प्रकाश पारासर अमरगढ़ और सुकुमार की लेखनी के देवी जी के प्रखर प्रतिनिधि, मधुर शब्दवर्षा करने वाले और पर्यावरण प्रेमी घनश्याम शर्मा जैसे साहित्यकार भाग लेंगे। संस्था के संरक्षक पूर्व अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी गोपाल लाल दाधीच और अन्य सदस्यों ने अपनी तरह की इस अनूठी यात्रा के लिए बधाई और शुभकामनाएं दी।

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