आज यानी 22 मार्च को वर्ल्ड वॉटर डे यानी विश्व जल दिवस है। संयुक्त राष्ट्र की वेबसाइट पर मौजूद आंकड़ों के मुताबिक, दुनिया के हर नौवें शख्स के पास पीने के साफ पानी का अभाव है। इसकी वजह से हर साल लाखों लोग बीमारियों का शिकार होते हैं और उनकी मौत हो जाती है।
वर्ल्ड वॉटर डे की हर साल एक थीम तय की जाती है। इस साल की थीम है- Nature From Water यानी प्रकृति से जल। एक अनुमान के मुताबिक- भारत में ही करीब 16 करोड़ लोग ऐसे हैं, जिन्हें पीने का साफ पानी नहीं मिल पाता। फिर भी हम इसको लेकर अभी तक फ्रिकमंद नहीं है।
दुनिया में शुद्ध पेयजल का मुख्य स्रोत झीलें और नदियां हैं। इनमें भी वे प्रमुख हैं जो ग्लेशियर या बर्फीले क्षेत्रों में हैं। नदियों और झीलों के अस्तित्व से ही दुनिया की बड़ी आबादी के पास पानी पहुंच रहा है। यह भी सच है कि कुछ देशों ने अपनी झीलों को बहुत अधिक संरक्षित किया है, जबकि कुछ देशों में उनका ध्यान नहीं रखा जा रहा है।
दुनिया की सबसे बड़ी झील आयतन (वॉल्यूम) के आधार पर ‘लेक बैकाल’ है, जो रूस में है। उसका कुल क्षेत्रफल 31,722 वर्ग किलोमीटर है, जबकि 23,013 क्यूबिक किलोमीटर पानी उसमें है। यह क्षमता उत्तरी अमेरिका की सभी पांच बड़ी झीलों के बराबर है। यानी पृथ्वी पर मौजूद शुद्ध पेयजल का 20 फीसदी यहीं है। सतही क्षेत्रफल में यह दुनिया में सातवें स्थान पर है, जबकि इसकी गहराई 5,387 फीट है जो बहुत अधिक होती है।
11.70 करोड़ झील हैं दुनियाभर में। जियो फिजिकल जर्नल के शोधकर्ताओं ने सैटेलाइट डेटा के आधार पर यह जानकारी दी है। इसमें उन्हें शामिल किया गया, जिनका क्षेत्रफल 0.002 वर्ग किमी से अधिक है।
दुनिया की सबसे बड़ी झील क्षेत्रफल के आधार पर ‘कैस्पियन सागर’ है, परन्तु उसका पानी बहुत खारा है। इसके आसपार अजरबैजान, कजाकिस्तान, ईरान, तुर्कमेनिस्तान और रूस है। इसका कुल क्षेत्रफल 3,70,886 वर्ग किलोमीटर है। इसके बाद अमेरिका की ‘लेक सुपीरियर’ है, जो कनाडा सीमा के करीब है। उसका कुल क्षेत्रफल 82,103 वर्ग किलोमीटर है। वहीं लेक मिशिगन और लेक हुरोन को एक ही माना जाता है, क्योंकि उनका संयुक्त क्षेत्रफल 1,17,611 वर्ग किलोमीटर है।
पेयजल के हाल: संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट
– 2 अरब 10 करोड़ लोगों के पास सुरक्षित पेयजल नहीं है।
– 844 मिलियन लोगों के पास साधारण पानी भी नहीं। इनमें से करी 29 करोड़ लोगों को एक बार पानी लाने के लिए 30 मिनट का रास्ता तय करना पड़ता है।
– 159 मिलियन लोगों को गंदा पानी पीना पड़ता है। इससे बीमारियां होती हैं।
– 66 करोड़ लोग ऐसे हैं जिनके घर के पास भी स्वच्छ पेयजल नहीं मिलता।
– दुनिया के कुल क्षेत्रफल के 71 फीसदी हिस्से पर पानी है। इनमें से 97 फीसदी हिस्से पर समुद्र है।
– दुनिया के कुल ताजे पानी का 69 फीसदी जमी हुई बर्फ के पिघलने से मिलता है। सिर्फ 30 फीसदी ही नदियों या दूसरे जल स्रोतों में है।
– विश्व में सिर्फ 0.26 फीसदी पानी ही झीलों से मिलता है।
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