मुंह में मरे हुए चूहे रखकर धरने पर क्यों बैठे किसान, पढ़ें पूरा मामला?

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तमिलनाडु के किसानों द्वारा अजीबोगरीब विरोध प्रदर्शन का एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसे देखकर आप परेशान हो जाएंगे। ये मामला तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली का है। यहां के किसानों का आरोप है कि सरकार कावेरी नदी (cauvery water dispute) से पानी नहीं छोड़ रही है। इसके कारण वे गरीबी के गर्त में जा रहे हैं। उनका साफ कहना है कि अगर सरकार ने पानी नहीं छोड़ा तो वे चूहों का मांस खाने के लिए ही मजबूर होंगे।

इसे लेकर आज किसानों ने अपने मुंह में मरे हुए चूहे रखकर सरकार के खिलाफ अपना आक्रोश व्यक्त किया है।
एक रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि किसानों के इस अजीबोगरीब प्रदर्शन ने पुरानी प्रथाओं की यादें भी ताजा कर दी हैं। बताया जाता है कि पुराने समय में पूर्वज अकाल के दौर में भोजन की कमी का सामने करते थे। इस दौरान भोजन के तौर पर चूहों को खाने के अलावा कोई विकल्प नहीं होता था। अधिकारियों का ध्यान अपनी ओर खींचने के लिए अब किसानों ने यही विकल्प अपनाया है।

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बता दें कि साल 2017 में तमिलनाडु के किसानों ने दिल्ली स्थित जंतर-मंतर पर करीब दो महीने तक विरोध प्रदर्शन किया था। कथित तौर पर उन्होंने ऋण माफी, संशोधित सूखा राहत पैकेज, कावेरी प्रबंधन समिति की स्थापना और अपने कृषि उत्पादों के लिए उचित मूल्य निर्धारण की मांगों के बीच एक हताश संकेत के रूप में अपने स्वयं के मल का उपभोग करने का सहारा लिया।

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