कौन हैं बाबा बालकनाथ जिन्हें राजस्थान का सीएम बनाए जाने की हो रही है चर्चा तेज?

जानकारों का कहना है कि अगर मोदी लोकसभा चुनावों की चिंता कर रहे हैं तो ऐसे में वसुंधरा राजे की दावेदारी को नकार कर बाबा को गद्दी सौंपना भारी पड़ सकता है।

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Mahant Balak Nath: क्या योगी आदित्यनाथ के पार्ट टू कहे जाने वाले बाबा बालकनाथ को राजस्थान का मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। खबरें छप रही हैं कि नतीजे आने के बाद बाबा बालकनाथ को प्रधानमंत्री मोदी ने खासतौर से दिल्ली बुलाया है। कुछ कह रहे हैं कि अलवर से सांसद बाबा बालकनाथ को जब अलवर की तिजारा विधानसभा सीट से उम्मीदवार घोषित किया गया तभी तय हो गया था कि राजस्थान के अगले मुख्यमंत्री हो सकते हैं।

बाबा को राज्यस्थान का योगी का टैग भी दे दिया गया है। अब बाबा का भविष्य क्या होगा ये तो पार्टी तय करेगी लेकिन कुल मिलाकर यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या बीजेपी में बाबा युग विस्तार लेगा या विराम तो चलिए आपको बताते हैं कि आखिर ये बाबा बालकनाथ या महंत बालकनाथ कौन है?

कौन है महंत बालकनाथ?
16 अप्रैल 1984 को राजस्थान के अलवर जिले के कोहराना गांव में एक किसान परिवार में जन्‍में महंत बालकनाथ योगी का पूरा परिवार लंबे समय से जनकल्याण व साधुओं की सेवा में जुटा रहा है। 6 साल की उम्र में ही उन्‍हें परिवार ने अध्यात्म का अध्ययन करने के लिए महंत खेतानाथ के पास भेज दिया था। गुरु से शिक्षा दीक्षा लेने के बाद महंत चांद नाथ के पास उन्हें भेजा गया। यहां पर उनकी बालक प्रवृत्तियों को देखकर महंत चांद नाथ ने उन्‍हें बालकनाथ कहना शुरू कर दिया। 29 जुलाई 2016 को महंत चांद नाथ ने अपना उत्तराधिकारी चुना। इस तरह वो मठ के आठवें महंत बने।

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आदित्यनाथ से क्यों हुई तुलना?
बाबा बालकनाथ की तुलना यूपी के सीएम योगी आदित्‍यनाथ के साथ की जा रही है। उन्‍हें राजस्थान का योगी भी कहा जा रहा है। इसका कारण है कि बालकनाथ और यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ दोनों नाथ संप्रदाय से आते हैं। अगर आप उनके लुक को देखें तो वो भी योगी आदित्‍यनाथ से मिलता-जुलता सा है क्‍योंकि बालकनाथ भी योगी आदित्‍यनाथ की तरह ही भगवा कपड़ों में नजर आते हैं।

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कहां से सासंद है बालकनाथ?
महंत बालकनाथ योगी अलवर लोकसभा से सांसद हैं और उनका नाम भी बीजेपी के फायरब्रांड नेताओं में शामिल किया जाता है। इस बार वे तिजारा विधानसभा से चुनावी मैदान में उतरे हैं। अलवर के आसपास के क्षेत्रों में उनकी अच्‍छी खासी पकड़ मानी जाती है। वे भाजपा के हिंदुत्‍ववादी चेहरे पर एकदम फिट बैठते दिखाई देते हैं। चुनाव से पहले ही उन्हें राजस्थान में उपाध्यक्ष पद दिया गया। ऐसे में ज्‍यादातर लोगों का ध्‍यान उनकी ओर आकर्षित हुआ है।

हरियाणा क्यों चर्चा में है?
कहा जा रहा है कि बाबा बालक नाथ को मुख्यमंत्री बनाया गया तो हरियाणा में भी बीजेपी चुनावी लाभ उठा सकती है जहां के रोहतक में नाथ संप्रदाय के 150 से ज्यादा शिक्षण संस्थाएं हैं। इंजीनियरिंग से लेकर मेडिकल कॉलेज तक। वैसे भी बीजेपी हरियाणा में गैर जाट समुदायों को एक करने में लगी है। ऐसे में साधन संपन्न यादव जाति के बाबा बालकनाथ सटीक बैठते हैं।

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क्या वसुंधरा पर भारी पड़ेंगे बाबा?
जानकारों का कहना है कि अगर मोदी लोकसभा चुनावों की चिंता कर रहे हैं तो ऐसे में वसुंधरा राजे की दावेदारी को नकार कर बाबा को गद्दी सौंपना भारी पड़ सकता है। इसके अलावा दलित कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल भी रेस में हैं। हालांकि अभी तक बिल्कुल साफ नहीं है कि राजस्थान का अगला मुख्यमंत्री कोई नया चेहरा होगा या वसुंधरा राजे तीसरी बार फिर मुख्यमंत्री बनेगी।


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