6 बार वोटर टर्नआउट घटा, 4 बार सरकार बदली, जानिए क्या कहता है 2024 का चुनावी गणित?

लोकसभा चुनाव 2024 के 6 चरण पूरे हो चुके हैं और अभी तक बीते चुनाव के मुकाबले मतदान प्रतिशत कुछ कम हुआ है। इस बार का ओवरऑल टर्नआउट लगभग 65.63% रहा, जो पिछली बार से 1.55 फीसदी कम है।

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Election 2024 Voter Turnout

Election 2024 Voter Turnout: 2024 लोकसभा चुनाव अपने आखिरी पड़ाव पर है। 6 फेज में 485 लोकसभा सीटों पर मतदान हो चुका है। बाकी बची 57 सीटों पर आज सातवें फेज में वोटिंग हो रही है। इस चुनाव में वोटिंग टर्नआउट घटने का ट्रेंड साफ तौर पर दिख रहा है। चुनावी चर्चाओं में एक्जिट पोल से ज्यादा वोटर टर्नआउट घटना सबसे अधिक चर्चा का विषय बना हुआ है।

चुनाव आयोग ने अब तक लोकसभा चुनाव 2024 के पहले 6 फेज की 485 सीटों के फाइनल टर्नआउट का डेटा जारी कर दिया है। सभी सीटों की एनालासिस से पता चलता है कि 274 सीटों पर वोटर टर्नआउट में 2019 के मुकाबले 1% से अधिक की कमी आई है। सबसे ज्यादा 25% फॉल नगालैंड सीट पर हुआ है, जबकि सबसे अधिक 46% टर्नआउट गेन जम्मू-कश्मीर की अनंतनाग सीट पर हुआ है। यहां 2019 में केवल 8.9% वोटिंग हुई थी, वहीं इस बार 55.4% वोटिंग टर्नआउट रहा है।

कई जानकारों का कहना है कि इससे बीजेपी को काफी नुकसान हो सकता है। 1957 से लेकर 2019 के बीच 16 लोकसभा चुनाव हुए हैं। इनमें 10 बार वोटर टर्नआउट बढ़ा है और 6 बार घटा। कम वोटर टर्नआउट से BJP को नुकसान होता रहा है और ज्यादा टर्नआउट का फायदा मिला है। 1996 में जब पहली बार BJP की सरकार केंद्र में आई तो उस चुनाव में वोटिंग प्रतिशत बढ़ा था। 1999 के चुनाव को छोड़ दिया जाए तो जब भी BJP जीती है, उस लोकसभा चुनाव में वोटिंग प्रतिशत बढ़ा है।

लोकसभा चुनाव में कम वोटिंग के क्या मायने?
वोटिंग प्रतिशत में जब भी बढ़त या गिरावट दर्ज की जाती है, तो इसे अलग-अलग तरीकों से देखा जाता है। राजनीतिक विश्लेषकों का मनना है कि कम वोटिंग प्रतिशत सत्ता पक्ष के लिए नुकसान का संकेत देता है, क्योंकि एंटी इन्कंबेंसी के चलते मतादाता वोट करने नहीं आते। हालांकि, कुछ यह भी कहते हैं कि यह विपक्ष के लिए अच्छा नहीं है, क्योंकि सत्ता पक्ष की जीत की संभावना के कारण मतदाता संतुष्ट महसूस करते हैं और वोट करने नहीं आते।

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आम चुनाव में वोटर टर्नआउट 55 से 62% के बीच
चुनाव आयोग द्वारा जारी किए गए डेटा के अनुसार लोकसभा चुनाव 2024 में 96.8 करोड़ से ज्यादा वोटर्स हैं। भारतीय वोटर्स की संख्या अमेरिका से लगभग 4 गुना, यूनाइटेड किंगडम से 20 गुना और पाकिस्तान से 7 गुना ज्यादा है। 1951 के लोकसभा चुनाव में 44.87% वोटिंग हुई थी। आजादी के बाद से अब तक आम चुनाव में वोटर टर्नआउट 55 से 62% के बीच रहा है। भारतीय लोकसभा चुनाव में वोटर टर्नआउट कभी 70% तक पहुंचा ही नहीं है। 2019 आम चुनाव में सबसे ज्यादा 67.4% वोटिंग हुई थी।

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19 राज्यों में वोटिंग प्रतिशत घटा
लोकसभा चुनाव 2024 के 6 चरण पूरे हो चुके हैं और अभी तक बीते चुनाव के मुकाबले मतदान प्रतिशत कुछ कम हुआ है। इस बार का ओवरऑल टर्नआउट लगभग 65.63% रहा, जो पिछली बार से 1.55 फीसदी कम है। आखिरी यानी फेज 7 में बिहार, चंडीगढ़, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, ओडिशा, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल की 57 सीटों पर मतदान होना है। 19 राज्यों में वोटिंग प्रतिशत 2019 के मुकाबले घटा है, जबकि 8 राज्यों में 2019 के मुकाबले ज्यादा मतदान हुआ है। लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद वहां पहली बार वोटिंग हुई है।

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