ब्रेकिंग न्यूज: BCCI ने उठाया ये कदम तो टीम इंडिया नहीं खेल पाएगी अगले दो वर्ल्ड कप!

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नई दिल्ली: चैंपियंस ट्रॉफी को लेकर चल रही खिचतान फिलहाल खत्म होने का नाम नहीं ले रही। जहां एक और विराट कोहली की टीम इस टूर्नामेंट में शिरकत करेगी या नहीं इसको लेकर सस्पेंस चल रहा है तो दूसरी और बीसीसीआई के कई अधिकारी इस टूर्नामेंट में नहीं खेलने का लगभग मन बना चुके हैं वहीं क्रिकेट संचालक समिति कतई नहीं चाहती है कि ऐसा फैसला लिया जाए, जिससे भारतीय क्रिकेट का नुकसान हो।

सूत्रों के हवाले से मिली खबर पर भरोसा किया जाए तो बीसीसीआई ने आईसीसी पर दबाव बनाने के लिए टूर्नामेंट का प्रसारण करने वाली स्टारस्पोर्ट्स का इस्तेमाल करने से भी नहीं हिचक रही है। ऐसा माना जा रहा है कि स्टारस्पोर्ट्स ने बाकायदा लेटर लिखकर ये आश्वासन मांगा है कि इसमें भारतीय टीम की मौजूदगी को लेकर स्थित साफ की जाए।

आपको बता दें कि भारत में होने वाले तमाम मैचों के प्रसारण के अधिकार भी स्टार के पास ही हैं और बीसीसीआई से उनका पेशवेर रिश्ता काफी गहरा है। लेकिन, स्टार की मुश्किल ये है कि कि अगर वो कोहली की टीम इंग्लैंड नहीं जाती है तो उन्हें भी भारी वित्तीय घाटा उठाना पड़ेगा।

तो वहीं इस मामले में क्रिकेट संचालक समिति के विनोद राय ने बीसीसीआई के तमाम संघों को एक ईमेल लिखकर आगाह किया है। अगर बीसीसीआई अपनी जिद पर अड़ी रही और उन्हें ऐसा लगता है कि बॉयकॉट का फैसला गलत है तो वो सुप्रीम कोर्ट से दिशा-निर्देश लेने में नहीं हिचकेंगे। इस बात ने बीसीसीआई के कई अधिकारियों को बैकफुट पर धकेल दिया है।
हर साल सिर्फ 3 वन-डे खेलने से ही भारत का घाटा हो जायेगा पूरा, फिर बवाल क्यों?
बिग थ्री के राजस्व फॉर्मूले और आईसीसी के नए प्रस्ताव से भारत को 8 साल में करीब 800 करोड़ का नुकसान हो सकता है। यानि हर साल 100 करोड़। ये घाटा बीसीसीआई सिर्फ 3 अतिरिक्त वन-डे या टी20 मैचों का आयोजन करके पूरा सकता है तो ऐसे में सवाल ये उठ रहा है कि आखिर बीसीसीआई इस मुद्दे को प्रतिष्ठा का मुद्दा क्यों बना रहा है?

अगर नहीं खेलता है तो वर्ल्ड कप भी नहीं खेल पाएगा
इतना ही नहीं अगर बीसीसीआई चैंपियंस ट्रॉफी में नहीं खेलता है तो भविष्य में वो 2 वर्ल्ड कप में भी नहीं खेल पाएगा। कुल मिलाकर देखा जाए तो खुद को अहम बनाने या फिर अहम दिखाने की कोशिश में बीसीसीआई एक बार फिर से पूरी दुनिया के समाने भारतीय क्रिकेट की छवि को और खराब करने की ही जिद में अड़ी हुई है।

कोहली या कुंबले से सलाह या चर्चा तक नहीं
सूत्रों की मानें तो इतने संवेदनशील मुद्दे पर बीसीसीआई के अधिकारियों ने ना तो कप्तान कोहली और ना ही सीनियर खिलाड़ी धोनी से सलाह या चर्चा करना भी उचित समझा है। आखिरकार, चैंपियंस ट्रॉफी में नहीं खेलने से सबसे ज्यादा नुकसान तो खिलाड़ियों को ही होगा।

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