संवाददाता भीलवाड़ा। मानव का जीवन बनाने में गुरु की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। जो गुरु का नही हो सकता है वो परमात्मा का कैसे हो सकता है? गुरु के प्रति समर्पण की भावना निष्ठा से हो तो गुरु सदैव छाया बनकर खड़े रहते है।उक्त विचार साध्वी चंदनबाला ने महावीर भवन में आयोजित धर्मसभा में व्यक्त किये। साध्वी ने कहा कि जिसमे यह तीन गुण आ गए कहना, रहना और सहना वो व्यक्ति अपने घर परिवार को स्वर्ग बना सकता है। आजकल प्रतिदिन परिवार टूटने की बाते सुनाई देती है उसका मुख्य कारण यही है कि सास- बहू , देवरानी – जेठानी, ननंद- भाभी में तालमेल नही होना है। परिवार में त्याग करना सीखें, बड़ो का सदैव संम्मान करे छोटो को पूरा प्यार दे तो ऐसी नोबत नही आयेगी। जो परिवार नरम है वही धर्म है, वस्तु का स्वभाव ही धर्म है। सभी धर्म यही कहते है कि नरम रहो, विवेकशील रहो , संस्कारवान रहो। शादी के बाद परिवार में एडजस्ट होना सीखे, लड़की जिस घर मे जाती है उसका पति जिस धर्म को मानता है उसको भी वो ही धर्म मानना चाहिए ताकि मन मुटाव नही हो। साध्वी आनदप्रभा ने कहा कि जिनवाणी से संस्कार मिलते है। चातुर्मास काल मे प्रभु की वीतराग वाणी को सुनकर उसे अपने जीवन मे उतारे तो जीवन का निश्चित रूप से कल्याण होगा। साध्वी ने कहा कि जीवन मे क्षण मात्र का भी प्रमाद मत करो, जो समय बीत गया है वो समय वापिस आने वाला नही है। गुरु का काम राह बताना है उस पर चलोगे तो जीवन का कल्याण होगा। साध्वी डॉ चंद्रप्रभा ने बताया कि शुक्रवार को माँ पदमावती चालीसा का जाप किया जाएगा। चंदनबाला बालिका मंडल संयुक्त मेवाड़ की महामंत्री पूजा बनवट सहित बाहर से आये आगन्तुको का संघ के मंत्री देवी लाल पीपाड़ा ने स्वागत किया।
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