तीन तलाक: फिर गर्माया मुद्‌दा, सरकार और मुस्लिम संगठन की राय जुदा

मुस्लिम बहनें तकलीफ में, न्याय मिलना चाहिए

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लखनऊ: मुस्लिमों में प्रचलित तीन तलाक रविवार को फिर चर्चा में गया। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने रविवार को लखनऊ में चेतावनी दी कि मुस्लिम शरिया कानूनों में दखलंदाजी बर्दाश्त नहीं करेंगे। तलाक का मामला शरीयत के हिसाब से ही रहेगा। जब सुप्रीम कोर्ट का फैसला आएगा, तब की तब देखेंगे। लगभग उसी समय भुवनेश्वर में भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि तीन तलाक के कारण मुस्लिम बहनें बहुत तकलीफ में हैं। उन्हें न्याय देना ही होगा। उन्होंने पूछा अवॉर्ड वापसी वाले कहां हैं।

मोदी ने कहा कि तीन तलाक पर मुस्लिम समुदाय में विवाद नहीं होना चाहिए। लेकिन शोषण किसी का भी नहीं होना चाहिए। समाज में अगर कोई कुरीति है तो हमें समुदाय को जगाना होगा। महिलाओं को भी न्याय दिलाना होगा। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के अनुसार मोदी ने तीन तलाक के मुद्दे पर जिला स्तर पर काम करने की जरूरत जताई। लोगों के बीच जाकर संगोष्ठी और सेमिनार करने का भी सुझाव दिया।

सुप्रीम कोर्ट में 11 मई से सुनवाई
तीनतलाक, निकाह हलाला और बहु-विवाह संवैधानिक है या नहीं? इस मुद्दे को लेकर सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ 11 मई से सुनवाई शुरू करेगी।

दो टूक अयोध्यामुद्‌दे का हल बातचीत से नहीं
अयोध्या स्थित विवादित ढांचे के मुद्दे पर बोर्ड ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से ही विवाद का समाधान होगा। बोर्ड ने कहा कि इस मामले में कोर्ट के बाहर फैसला नहीं हो सकता है। बता दें कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि दोनों समुदाय के लोग कोर्ट से बाहर बातचीत के जरिए मसले का हल ढूंढ़ सकते हैं।

तर्क- पोस्टकार्ड पर दावतनामा मान्य तो तलाक क्यों नहीं?
मौलाना रहमानी ने कहा, alt147अगर शरियत के अनुसार व्हाट्सएप, कुरियर, पोस्टकार्ड से भी तलाक भेजें, तो वह भी मान्य होगा। जैसे शादी के लिए पोस्टकार्ड से भेजा गया दावतनामा माना जाता है। ठीक उसी तरह अगर कोई किसी माध्यम का प्रयोग करते हुए तलाक देता है तो वह भी जायज होगा।’ उन्होंने कहा कि इस्लाम में मर्द औरत दोनों को बराबर हक मिला है। बोर्ड ने फैसला किया है कि माता-पिता निकाह में बेटियों को दहेज देने के बजाय जायदाद में हिस्सा दें।

बोर्ड की दलील- तीन तलाक औरतों को परेशानी से बचाने के लिए
दो दिन की बैठक के बाद ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा कि तीन तलाक का गलत इस्तेमाल करने वालों का सोशल बायकॉट किया जाएगा। बोर्ड के महासचिव मौलाना वली रहमानी ने कहा कि शरिया में बताए कारणों के अलावा अन्य बहाने से तीन तलाक नहीं दिया जा सकता। बोर्ड ने कहा कि पति-पत्नी के विवाद पर गलतफहमियां मिटाने के लिए कोड ऑफ कंडक्ट जारी होगा। उन्होंने कहा कि तीन तलाक औरत को मुश्किल से बचाने के लिए है। हम दूसरे मजहब में दखल नहीं देते तो दूसरा मजहब हमारे मामलों में दखल ना दे।

…और नियम भी बताए- तलाक इस तरह

  • दंपती खुद झगड़ा सुलझाएं। बात बने तो अस्थायी रिश्ता खत्म करें।
  • मामला सुलझे तो पति एक तलाक देकर पत्नी को छोड़ दे। इद्दत के दौरान समझौता हो तो पति-पत्नी साथ रहें। समझौता होने पर रिश्ता खुद खत्म होगा। महिला गर्भवती है तो डिलीवरी तक इद्दत जारी रहेगी। तलाक दिया तो पति मेहर, इद्दत का खर्च दे।
  • इद्दत के बाद समझौता हो तो नए मेहर के साथ पति पत्नी दोनों नए निकाह से रिश्ता बहाल कर सकते हैं। पति पत्नी को एक तलाक दे। दूसरे माह दूसरा, तीसरे माह तीसरा तलाक दे। तीसरे तलाक से पहले समझौता होता है तो पति रिश्ता बहाल कर सकता है।
  • पत्नी पति के साथ नहीं रहना चाहाती है, तो वो खुला के जरिये रिश्ता खत्म करे।

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