हम इह काज जगत मो आऐ, धरम हेत गुरदेव पठाए

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हनुमानगढ़। सरबंसदानीदसवें पातशाह साहिब श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के प्रकाशोत्सव के अवसर पर जंक्शन गुरूद्वारा श्रीगुरू दशमेश पिता जी नई खुंजा में गुरमति समागम का आयोजन किया गया। समागम में सुबह श्री गुरु ग्रंथ साहिब के पाठ के भोग डाले गए। उपरांत भाई हजूरी कथावाचक गुरप्रीत सिंह आनंदपुर साहब वाले, ढाडी जत्था जसविन्द्र सिंह जोश अब्दुल खुराना, रागी जत्था भाई दतार सिंह, भाई मनिन्द्र सिंह, रागी जत्था बीबी हरमीत कौर खालसा गोलूवाला ने रसमयी कीर्तन कर संगत को निहाल किया। उपरांत गुरुद्वारा कमेटी के मुख सेवादार रेशम सिंह ने संगत को गुरु इतिहास से रूबरू करवाया। उन्होंने कहा कि दबे-कुचले लोगों की रक्षा के लिए अन्याय के खिलाफ लड़ाई में गुरु गोबिंद सिंह जी ने अपना सरबंस अपने पिता श्री गुरु तेग बहादुर, माता गुजर कौर, साहिबजादे अजीत सिंह साहिबजादा जुझार सिंह, साहिबजादा फतेह सिंह, साहिबजादा जोरावर सिंह को शहीद करवा दिया। अंत में गुरु का अटूट लंगर भी वितरित किया गया। रागी जत्था भाई दतार सिंह, भाई मनिन्द्र सिंह, रागी जत्था बीबी हरमीत कौर खालसा गोलूवाला ने गुरबाणी का शबद ‘हम इह काज जगत मो आऐ, धरम हेत गुरदेव पठाए’ गायन कर संगत को निहाल किया। भाई हजूरी कथावाचक गुरप्रीत सिंह आनंदपुर साहब वाले, ढाडी जत्था जसविन्द्र सिंह जोश अब्दुल खुराना ने ‘साहिबे कमाल साहिब श्री गुरु गोबिन्द सिंह जी महाराज’ के जीवन की ऐतिहासिक कथा संगत को सुनाई और उनके उपदेशों को श्रद्धालुओं को बताया। ‘देह सिवा बर मो मोहि इहै शुभ करमन ते कबहु न टरौं’ संगतो को सुनाया तो संगत भी भाव विभोर होकर उनके साथ कीर्तन करने लगी और गुरबाणी के अलौकिक कीर्तन का आनंद लिया। समागम के समापन पर नगरपरिषद सभापति गणेशराज बंसल, जिला कांग्रेस कमेटी उपाध्यक्ष व पार्षद तरूण विजय, पार्षद मनोज बड़सीवाल, पार्षद गुरदीप चहल, पार्षद स्वर्ण सिंह का गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा सरोपा देकर सम्मान किया।

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