हनुमानगढ़। प्रदेश जलदाय कर्मचारी महासंघ द्वारा मंगलवार को वरिष्ठ प्रदेशाध्यक्ष इन्द्राज घोटिया के नेतृत्व में प्रभारी मंत्री बीडी कल्ला को जलदाय विभाग में कोरोना काल के दौरान मृत्यु होने पर कोरोना वायरस बीमा का लाभ देने बाबत ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में बताया कि प्रदेश में जलदाय विभाग का कर्मचारी कोविड-19 कोरोना महामारी से मुकाबला करते हुए अपने परिजनों को प्रवाह किए बिना अपने कर्तव्यों का पालन कर प्रदेश की जनता को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध करते हुए ड्यूटी का ईमानदारी से निर्वहन करता रहा। इसी दरमियान राज्य में काफी कर्मचारी कोविड-19 की चपेट में आकर अपनी जान भी गवां चुके है किन्तु अफसोस राज्य सरकार द्वारा उक्त कर्मचारी को कोविड मौत नहीं मान रही है। कर्मचारियों ने मांग कि है कि स्वास्थ्य विभाग पुलिस विभाग की तरह जलदाय विभाग को भी अति आवश्यक सेवा में मानते हुए सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार कोविड-19 पॉजिटिव की पुष्टि होने पर 30 दिनों के भीतर मौत होने पर उसे कोरोना मौत माना जाये तथा उनके परिजनों को मिलने वाला लाभ पचास लाख रूपये तथा अन्य लाभ दिलवाकर राहत प्रदान करवाने, वित्त विभाग आदेश दिनांक 24 मार्च 2011 द्वारा कार्य प्रभारित कर्मचारियों को नियमित घोषित किया जाकर सेवा नियमों की परिधि में लाये गये थे जिसमें बिंदू 12 में सेवा नियम अलग से जारी करने अथवा सेवा नियमों में इस हेतु उचित संशोधन किया जाने, 01 जनवरी 2004 के पश्चात नियुक्त कार्मिकों को पुरानी पेंशन बहाल करते हुए एनपीएस को समाप्त करने, जलदाय विभाग में वर्दी के एवज में नगद भुगतान किया जा रहा है उन्हे महंगाई के अनुपात में बढ़ोत्तरी कर न्यूनतम 10 हजार रूपये प्रति वर्ष देने की मांग की है। इस मौके पर कार्यकारी प्रदेशाध्यक्ष इन्द्राज घोटिया, कार्यकारी प्रदेशाध्यक्ष रामसिह पूनियां, जिलाध्यक्ष सुरेश कुमार दायमा, कार्यकारी जिलाध्यक्ष लेखराम योगी, चौपड़ कुमार, मामनचंद, बलविन्द्र सिंह, राजेन्द्र सैन, अमनदीप सिंह व अन्य कर्मचारी मौजूद थे।
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