ग्रामीणों की एकजुटता संदेश है कि सत्तापक्ष की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है- कृष्ण कड़वा

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– ग्रामीणों ने लगाया सत्तापक्ष पर गुडगर्दी का आरोप
हनुमानगढ़। ग्राम सेवा सहकारी समिति के चुनाव मैदान सज कर तैयार हो चुके हैं। गांवों में जगह-जगह सभाएं हो रही है। इसी बीच गांव लीला वाली में ग्रामीणों ने सत्ता पक्ष पर गुंडागर्दी का आरोप लगाते हुए 5 फार्म निरस्त करने के विरोध में मोर्चा खोल दिया है। रविवार को गांव के ग्वाड़ में ग्रामीणों द्वारा विशाल जनसभा का आयोजन किया गया। जनसभा में ग्रामीणों द्वारा विशेष रूप से पूर्व विधायक कृष्ण कड़वा को आमंत्रित किया गया। सभा को संबोधित करते हुए ग्रामीण प्रकाश गोदारा ने कहा कि गांव लीला वाली सत्ता पक्ष का निवास है और यहां वह अपनी पूरी राजनीति खेलते हैं। इसी के साथ साथ अपने चहेते को उप सरपंच सहित अनेकों पद दे रखे हैं और वर्तमान में सहकारी समिति के अध्यक्ष पद के लिए भी उम्मीदवार घोषित किया है ।
उन्होंने बताया कि ग्राम सेवा सहकारी समिति के चुनाव में अनेकों लोगों ने नामांकन दाखिल किए जिसमें से सत्तापक्ष ने अपने लोगों के नामांकन की कमियों को समय पूरा होने के पश्चात भी सुधार करवाया गया और जो मजबूत उम्मीदवार थे उनका किसी ना किसी बहाने से कमियां निकालते हुए नामांकन ही निरस्त कर दिया। ग्रामीण मनदीप मान व विक्रम गोदारा ने बताया कि सत्तापक्ष की ओर से नामांकन दाखिल करने वाले व्यक्ति कानूनों को ताक पर रखते हुए चुनाव लड़ रहे हैं। उन्होंने बताया कि इसमें से एक उम्मीदवार के चार बच्चे हैं और वह आठवीं कक्षा भी पास नहीं है जिसके पश्चात भी उसका नामांकन पास किया गया है। इस बारे में जब लिखित रूप में शिकायत दी गई तो उस पर भी सत्ता पक्ष का इतना दबाव रहा कि उस शिकायत पर भी आज दिन तक कोई कार्यवाही नहीं की गई। उन्होंने गांव के उपसरपंच पर आरोप लगाते हुए कहा कि विधायक के खास होने के कारण वह सरपंच को भी स्वतंत्र रूप से कार्य नहीं करने देता और उसी उपसरपंच को सहकारी समिति की अध्यक्ष पद भी चाहिए। इस मौके पर समस्त ग्रामीणों ने एक आवाज में सत्ता पक्ष व उपसरपंच के खिलाफ मोर्चा खोलकर विरोध दर्ज करवाया। सभा को संबोधित करते हुए पूर्व विधायक कृष्ण कड़वा ने कहा कि हैरानी की बात तो यह है कि अन्य गांवों में सहकारी समिति के 12 सौ से 13 सौ तक मत होते हैं परंतु गांव लीलावाली में 300 से अधिक वोट भी नहीं बनाए गए हैं। इसका मुख्य कारण सत्ता पक्ष के लोग अपने चहेतों को यहां से चुनाव लड़ा कर सत्ता में अपना दबदबा रखना चाहते हैं।
उन्होंने बताया कि सत्ता पक्ष की इस गुंडागर्दी के खिलाफ ग्रामीणों का मोर्चा खोलना यह संदेश देता है कि इनकी उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है। उन्होंने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री अशोक गहलोत रोजाना केंद्र सरकार कर आरोप लगाते हुए कहते है कि वह रंजिशवंश ईडी की रेड डलवा रहे है और अन्य सेवाओ का दुरुपयोग कर रहे है और कांग्रेस के शासन में ग्रामीण स्तर पर भी तो यही सब हो रहा है बस फर्क इतना है कि वह बड़े स्तर पर कर रहे है और यह छोटे स्तर पर। उस व्यवस्था को बड़े नेता संभाल रहे है और इस व्यवस्था को माननीय विधायक साहब संभाल रहे है। उन्होंने समस्त ग्रामीणों को इस जागरूकता को बनाये रखते हुए आगामी 17 तारिख को सत्तापक्ष को मुंहतोड़ जवाब देने की अपील करते हुए कहा कि इनका घमंड ओर सत्ता तोड़ने का पहला चरण यही चुनाव है। अगर ग्रामीण मजबूती से अपनी एकता का परिचय देते है तो हमे विश्वास है कि भविष्य में लीलावाली के ग्रामीणों को न ही कोई उपसरपंच ओर न ही कोई विधायक परेशान नही करेगा। इस मौके पर विकास नैन, सुरेंदर नैन, माखन सिंह, लालचंद पूर्व सरपंच,  कालूराम मेघवाल, बृजलाल नैन, मनोहर लाल, महेंद्र गोदारा शोंकि, रौनक बावरी, कालू पंवार, मुख्तयार, बलराम नैन, मदन सहित भारी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे।

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