देखिए VIDEO.. कैसे हुआ उत्तरप्रदेश में बिना दुल्हों वाला 568 जोड़ों का फर्जी विवाह?

हां तक कि मुस्लिम कन्याओं को फेरे दिलवा दिए गए थे। हालांकि योजना से संबंधित धनराशि अभी कन्याओं के खाते में हस्तांतरित नहीं की गई है।

0
297

UP marriage scheme: उत्तरप्रदेश के बलिया जिले के मनियर में 25 जनवरी को आयोजित मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना को लेकर सोशल मीडिया पर जमकर आलोचना हो रही है। विपक्ष यूपी सरकार पर टूट पड़ा है। वायरल वीडियो में मौजूद दुल्हनें वर की अनुपस्थिति में खुद ही अपने गले में वरमालाएं डालते दिख रही है। वहीं ये भी दावा किया जा रहा है कि यह सामूहिक विवाह फेक है। क्योंकि कई महिलाएं पहले से विवाहित हैं। ये केवल सरकारी योजना का फायदा लेने के लिए किया जा रहा है।

हमें व्हाट्सऐप पर फॉलो करें लिंक नीचे है-
हमारे साथ व्हाट्सऐप चैनल पर जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें (We’re now on WhatsApp, Click to join)

कई मीडिया रिपोर्ट्स का दावा है कि मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में 25 जनवरी को 568 जोड़ों की शादी हुई। बड़ी संख्या में दूल्हे के बिना ही दुल्हनों को माला पहना दी गई। इसमें कइयों की शादी कई साल पहले हो चुकी थी। दावा ये भी है कि कई आपस में भाई-बहन भी है। ये सब हुआ सिर्फ कपल्स बनकर फोटो खिंचाने और सरकारी पैसे लेने के लिए।

ये भी पढ़ें: मोदीराज में बढ़ा देश में भ्रष्टाचार, जानिए 180 देशों की लिस्ट में भारत किस पायदान पर?

इस योजना में कितना पैसा मिलता है?

इसमें 10 हजार रुपये दंपति को उपहार देने पर और 6 हजार की धनराशि आगंतुकों के खाने-पीने आदि पर खर्च की जाती है। 35 हजार कन्या के खाते में हस्तांतरित किए जाते हैं।

प्राथमिक जांच में क्या-क्या आया सामने?
रामपुर, घाटमपुर, छितौनी आदि कई गांवों की ऐसी कन्याओं को बुलाया गया था जिनकी शादी, एक या दो वर्ष पहले हो चुकी है। यहां तक कि मुस्लिम कन्याओं को फेरे दिलवा दिए गए थे। हालांकि योजना से संबंधित धनराशि अभी कन्याओं के खाते में हस्तांतरित नहीं की गई है। सीडीओ ओजस्वी राज ने मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया। कमेटी ने गांवों में जाकर जांच भी शुरू कर दी है।

ये भी पढ़ें: 108 फीट ऊंचा हनुमान ध्वज हटाने पर विवाद, पूरे गांव में लगी धारा 144, जानें पूरा मामला?

आपको बता दें, साल 2019-20 से 2021-22 के बीच हुई ऑडिट में सामूहिक विवाह में धांधली की बात सामने आई। सामूहिक विवाह योजना में भारी संख्या में आधार कार्ड के सत्यापित न होने के कारण समपरीक्षा दल ने रेवती ब्लॉक के उदहां में जाकर लाभार्थियों का सत्यापन किया और उनके बयान दर्ज किए। उदहां व अन्य गांव में किसी की वर्षों पहले की शादी निकली तो किसी के कई बच्चे मिले, लेकिन यह रिपोर्ट कहां गई कोई नहीं बता रहा।  रैकेट सामूहिक विवाह योजना में वर्षों से सेंध लगा रहा है।

हमें ट्विटर/एक्स पर फॉलो करें

ताजा अपडेट्स के लिए आप पञ्चदूत मोबाइल ऐप डाउनलोड कर सकते हैं, ऐप को इंस्टॉल करने के लिए यहां क्लिक करें.. इसके अलावा आप हमें फेसबुकट्विटरइंस्ट्राग्राम और यूट्यूब चैनल पर फॉलो कर सकते हैं।