मृदा स्वास्थ्य कार्ड के आधार पर ही खेत में उर्वरक का प्रयोग करें।

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संवाददाता भीलवाड़ा। कृषि प्रसंस्करण नीति के तहत कृषि प्रसंस्करण ईकाइ लगाने हेतु आवश्यक जानकारी देते हुवे सुनिता डिडवानियां, उप परियोजना निदेशक, आत्मा भीलवाड़ा ने महिलाओं को लघु उद्योग जैसे आंवला, निम्बू आदि की प्रसंस्करण की लघु ईकाई कैसे स्थापित की जाए, आदि जानकारी दी। साथ ही कृषि के अध्ययन क्षैत्रा में छात्राएंे राज्य सरकार द्वारा दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि प्राप्त कर सकती हैं। वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डाॅ. सी. एम. यादव ने केन्द्र पर स्थापित जीवित प्रदर्शन इकाईयों डेयरी, बकरीपालन, मुर्गीपालन, चूजापालन, अजोला एवं वर्मी कम्पोस्ट का भ्रमण करवाते हुए वर्तमान परिवेश में इन इकाईयों से होने वाले लाभ से अवगत कराया। शस्य वैज्ञानिक डाॅ. के. सी. नागर ने महिलाओं को कृषक हितार्थ केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं, प्रयोगशाला से खेत तक प्रक्रिया के बारे में बताया।
कार्यक्रम में पोषण संवेदी कृषि संसाधन एवं नवोन्मेषण (नारी) के उद्देश्यों जैसे कृषि को पोषण से जोड़ना ताकि पोषण संवेदनशील हो एवं कृषि को बढ़ावा मिले। कृषक महिलाओं और ग्रामीण युवाओं में पोषण संवेदनशील कृषि के बारे में एवं पोषण बागवानी एवं जैविक खेती से होने वाले लाभ के बारे में तकनीकी जानकारी दी। कार्यक्रम में आत्मा योजनान्तर्गत 54 महिलाओं ने एवं कृषि विज्ञान केन्द्र, भीलवाड़ा की तरफ से 60 महिलाओं ने भाग लिय।

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