नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने आज राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति को मंजूरी दे दी है। इस नीति के जरिए देश में ‘‘सभी को निश्चित स्वास्थ्य सेवाएं’’ मुहैया कराने का प्रस्ताव है। सरकारी सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली केंद्रीय कैबिनेट ने पिछले दो साल से लंबित स्वास्थ्य नीति को मंजूरी दे दी।
केंद्रीय मंत्री जे पी नड्डा कल संसद में स्वत: एक बयान देकर इस नीति के अहम पहलुओं की जानकारी दे सकते हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि एक बड़े नीतिगत बदलाव के तहत यह नीति प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र :पीएचसी: स्तर के दायरे में आने वाले सेक्टरों के फलक को बढ़ाती है और एक विस्तृत रूख का रास्ता तैयार करती है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘उदाहरण के तौर पर – अब तक पीएचसी सिर्फ टीकाकरण, प्रसूति-पूर्व जांच एवं अन्य के लिए होते थे। लेकिन अब बड़ा नीतिगत बदलाव यह है कि इसमें गैर-संक्रामक रोगों की जांच और कई अन्य पहलू भी शामिल होंगे।’’ सूत्रों ने बताया कि नई नीति के तहत जिला अस्पतालों के उन्नयन पर ज्यादा ध्यान होगा और पहली बार इसे अमल में लाने की रूपरेखा तैयार की जाएगी।
ये होंगे फायदे:
- स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि एक बड़े नीतिगत बदलाव के तहत यह नीति प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) स्तर के दायरे में आने वाले सेक्टरों के फलक को बढ़ाती है और एक विस्तृत रूख का रास्ता तैयार करती है।
- एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘उदाहरण के तौर पर – अब तक पीएचसी सिर्फ टीकाकरण, प्रसूति-पूर्व जांच एवं अन्य के लिए होते थे। लेकिन अब बड़ा नीतिगत बदलाव यह है कि इसमें गैर-संक्रामक रोगों की जांच और कई अन्य पहलू भी शामिल होंगे।’
- नई हेल्थ पॉलिसी के तहत जिला अस्पतालों के उन्नयन पर ज्यादा ध्यान होगा और पहली बार इसे अमल में लाने की रूपरेखा तैयार की जाएगी।
- इस पॉलिसी के बाद सरकार का लक्ष्य है कि देश के 80% लोगों का इलाज पूरी तरह सरकारी अस्पताल में मुफ्त हो जिसमें दवा, जांच और इलाज शामिल होंगे।
- पॉलिसी में इंश्योरेंस की भी व्यवस्था की गई है। सभी मरीजों को बीमा का लाभ दिया जाएगा।
- मरीजों को प्राइवेट अस्पताल में भी इलाज करवाने की छूट मिलेगी।
- स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत निजी अस्पतालों को ऐसे इलाज के लिए तय रकम दी जाएगी
- मातृ और शिशु मृत्यु दर घटाने के साथ-साथ देशभर के सरकारी अस्पतालों में दवाइयां और रोंगों की जांच के सभी साधन की उपलब्धता सुनिश्चित होगी।
- सरकार अपना ध्यान प्राथमिक चिकित्सा को मजबूत बनाने पर लगाएगी
- जिला अस्पताल और इससे ऊपर के अस्पतालों को पूरी तरह सरकारी नियंत्रण से अलग किया जाएगा और इसे पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप में शामिल किया जाएगा।
- इसमें वैसे रोगों की जांच भी शामिल होगी जो छूआछूत से पैदा नहीं होतीं।
- स्वास्थ्य पर खर्चा जीडीपी का 2.5% हो जाएगा और इसके तीन लाख करोड़ तक पहुंचने की उम्मीद है।
- इस समय यह जीडीपी का 1.04% है.
कैबिनेट के अन्य फैसले
–केद्रीय मंत्रिमंडल ने हंडिया-वाराणसी खंड को चौड़ा करने की 2,147.33 करोड़ रपये की परियोजना को आज मंजूरी दी। राज्य के विधानसभा चुनावों में भाजपा की भारी जीत के बाद केंद्र ने उत्तर प्रदेश के लिए किसी पहली परियोजना को मंजूरी दी है।
–कैबिनेट ने आज 2% महंगाई भत्ता बढ़ाने वाले प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता एक जनवरी 2017 से लागू होगा। केंद्र सरकार के इस फैसले से करीब 50 लाख कर्मचारियों और पेशनर्स को फायदा मिलेगा।
–देश में 50 नए केंद्रीय विद्यालयों की स्थापना की जाएगी ताकि करीब 50,000 विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान की जा सके। कैबिनेट ने इस आशय की एक परियोजना को मंजूरी दी है।
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