अब गायों की पहचान बनेंगा ‘UID नंबर’, बॉर्डर पर पशु तस्करी रोकने के लिए मोदी सरकार का प्लान

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नई दिल्ली: मेरा आधार बनेगा, मेरी पहचान ये डायलॉग तो आपने सुना ही होगा लेकिन अब जल्द ही इन डायलॉग में आपको गाय नजर आने वाली है। वो ऐसा इसलिए क्योंकि केंद्र सरकार पशुओं की तस्करी रोकने के लिए जानवरों के लिए भी इंसानों की तर्ज पर एक UID लाना चाहती है।

सरकार के अनुसार इससे गाय की नस्ल, उम्र, रंग और कई चीजों को सुरक्षित रखा जा सकेगा। बता दें कि ये सिफारिश केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस बारे में अपनी सिफारिश केंद्र सरकार को सौंप दी है।

रिपोर्ट में ये कहा गया:-

1. परित्यक्त पशुओं की सुरक्षा और देखभाल की जिम्मेदारी मुख्य रूप से राज्य सरकार की है।

2. हर जिले में कम से कम 500 जानवरों की के लिए शेल्टर होम होना चाहिए। इससे परित्यक्त पशुओं की तस्करी को कम करने में मदद मिलेगी।

3. दुग्ध देने की उम्र तक पशुओं की विशेष देखभाल की जानी चाहिए।

4. संकट में किसानों के लिए योजना शुरू की जानी चाहिए, ताकि वे दुग्ध की उम्र से परे पशुओं को नहीं बेच सकें।

5. शेल्टर होम का वित्तपोषण राज्य सरकार द्वारा किया जाना चाहिए। मौजूदा आश्रय घरों में सुविधा और मानव संसाधनों की कमी है।

6. भारत में प्रत्येक गाय और उसकी संतान की एक अद्वितीय पहचान संख्या (UID) होनी चाहिए ताकि उनको ट्रैक किया जा सके।

7. यूआईडी नंबर में उम्र, नस्ल, लिंग, स्तनपान, ऊंचाई, शरीर, रंग, सींग प्रकार, पूंछ स्विच और जानवरों के विशेष अंकों का विवरण होना चाहिए।

8. गाय और इसकी संतान के लिए यूआईडी देशभर में अनिवार्य होनी चाहिए।

9. बांग्लादेश में पशुओं की तस्करी को रोकने के लिए जनता से सक्रिय समर्थन और सहयोग की मांग की जानी चाहिए। लोगों को टोल फ्री हेल्पलाइन नंबरों के माध्यम से सड़कों पर पशुओं की गतिविधियों से संबंधित जानकारी देने के लिए कहा जाना चाहिए।

200 से 250 गायों को बीएसएफ रोजाना बरामद करती है:

गोमांस की सबसे बड़ी मांग वाला देश बांग्लादेश है। बांग्लादेश में भारतीय गायों की मुंह मांगी कीमत मिलती है। बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स यानी बीएसएफ के मुताबिक भारत से हर साल करीब साढ़े तीन लाख गायों को चोरी छिपे बांग्लादेश सीमा पार करवाकर बेचा जाता है। तस्करी का सालाना कारोबार 15 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का है।

गृहमंत्रालय के मुताबिक साल 2014 और 2015 के दौरान बीएसएफ ने 34 गाय तस्करों को मुठभेड़ में मार गिराया, बांग्लादेश के बॉर्डर एरिया से तस्करी करने के लिए ले जाईं जा रहीं 200 से 250 गायों को बीएसएफ रोजाना बरामद करती है। असम गाय तस्करी का हॉट स्पॉट है। यहां से बांग्लादेश की करीब 263 किलोमीटर लंबी सीमा लगती है। यही बॉर्डर असम से गायों को बांग्लादेश पहुंचाने का रूट बनता है।

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