शिवसेना और कुर्सी दोनों शिंदे की, जानें अब उद्धव ठाकरे के पास क्या विकल्प बचा है?

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मुंबई: महाराष्ट्र में उद्धव सरकार का जाना अब तय हो चुका है। कल इसकी उस वक्त शुरुआत हो चुकी जब मुख्यमंत्री ने सरकारी आवास छोड़ दिया था। एकनाथ शिंदे को अब शिवसेना के 41 MLA समेत 50 विधायकों का समर्थन मिल चुका है। शिंदे को दल-बदल कानून से बचने के लिए सिर्फ 37 विधायकों की ही जरुरत है। उधर, शिवसेना के 19 में से 9 से ज्यादा सांसदों ने भी एकनाथ शिंदे का समर्थन किया है।

इनमें एकनाथ शिंदे के बेटे श्रीकांत शिंदे, ठाणे लोकसभा सांसद राजन विचारे, वाशिम की सांसद भावना गवली और नागपुर की रामटेक सीट से सांसद कृपाल तुमाने के नाम सामने आए हैं। जैसे ही सत्ता में परिवर्तन होगा, कई और सांसद भी एकनाथ शिंदे के समर्थन में आएंगे।

सूत्रों के अनुसार कुछ देर में बागी गुट विधायकों के हस्ताक्षर वाला पत्र राज्यपाल को भेजेंगे। इधर, मुख्यमंत्री के सरकारी आवास छोड़ने से एनसीपी नाराज हो गई है।

उद्धव ठाकरे के पास अब क्या विकल्प?
 जिस तरह से मीटिंग हो रही है उससे दो ही अनुमान निकलते हैं कि उद्धव के पास अब दो विकल्प बचे हैं। पहला, शरद पवार की बात मान कर एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनाने का ऑफर दें। हालांकि, शिंदे ने महाविकास अघाड़ी के साथ सरकार में रहने से इनकार कर दिया है। दूसरा, फ्लोर टेस्ट का है। संजय राउत फ्लोर टेस्ट की बात कह चुके हैं।

होटल के बाहर ममता बनर्जी की पार्टी का हंगामा-
महाराष्ट्र में मचे सियासी घमासान में ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस की एंट्री हो गई है। 41 शिवसेना और 9 निर्दलीय विधायकों के साथ एकनाथ शिंदे जिस होटल में ठहरे हैं, उसके बाहर TMC कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। इनका कहना था कि विधायकों की खरीद-फरोख्त की जा रही है। इसे रोका जाए। पुलिस ने इन्हें हिरासत में ले लिया है।