पत्रकार की हत्‍या के विरोध में अखबारों ने संपादकीय पेज पर छोड़ी खाली जगह

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अगरतला: त्रिपुरा में बांग्ला अखबार के एक पत्रकार की हत्या के बाद कई अखबारों का अनोखा विरोध सामने आया। खबर है कि स्टेट राइफल्स (टीएसआर) के एक कांस्टेबल ने कहासुनी होने पर पत्रकार सदीप दत्‍त की हत्या कर दी। जिसके विरोध में कई अखबारों ने अपना संपादकीय पेज खाली छोड़ दिया।

पश्चिमी त्रिपुरा पुलिस अधीक्षक अभिजीत सप्तर्षि ने बताया था कि आर के नगर क्षेत्र में टीएसआर के दूसरे बटालियन के मुख्यालय के अंदर दोपहर करीब दो बजे 48 साल के पत्रकार सुदीप दत्ता भौमिक की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उन्होंने कहा था कि मौके पर पहुंचकर पुलिस ने पाया कि ‘स्यादंन पत्रिका’ के संवाददाता खून से लतपथ थे। उन्हें अगरतला के जी बी अस्पताल ले जाया गया जहां डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित किया।

इस मामले में पुलिस ने आरोपी टीएसआर कांस्टेबल नंदू रयांग को गिरफ्तार कर लिया था। अखबार के संपादक सुबल दे ने आरोप लगाया था कि भौमिक की टीएसआर की दूसरी बटालियन के कमांडेंट तपन देब्बारमा ने मरवाया क्योकि उन्होंने अधिकारी की भ्रष्ट क्रियाकलापों के खिलाफ कई खबरें लिखी थीं। भारतीय प्रेस परिषद ने त्रिपुरा स्टेट राइफल के एक कांस्टेबल द्वारा कथित रुप से 48 वर्षीय एक पत्रकार की हत्या के सिलसिले में राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी थी।

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आपको बता दें इससे पहले भी पत्रकारों पर कई हमले होते आए है लेकिन इसके खिलाफ आवाज किसी ने भी नहीं उठाई यहां तक की सरकार भी चुप्पी साधे हुई है। जिसमें से गौरी लकेंश के मामले ने काफी तूल पकड़ा लेकिन कुछ दिन सोशल मीडिया पर बहस जारी रही लेकिन परिणाम शून्य निकला।

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