2018 के चर्चित अपराध- पूरे साल चला दरिंदगी का गंदा खेल

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हर साल की तरह इस बार भी अपराध का ग्राफ बढ़ता ही दिखा। साल 2018 के आरम्भ में ही ऐसे अपराधों को अंजाम दिया कि हर देशवासी ये कहने को मजबूर हो गया कि अब इंसानियत बची नहीं और हैवानियत इतनी बढ़ गई कि इसका अंत कैसे होगा?

खैर, कुछ बुरी यादों को जल्द भूल जाना भी जरूरी है लेकिन उनकी सीख हमेशा याद रखनी भी जरूरी है ताकि आने वाले नए साल 2019 में हम ऐसे अपराध करने से बचें। चलिए आपको बताते हैं साल 2018 में ऐसे कौन से अपराध थे जो चर्चित रहे और उन्होंने हमें और देश को कितना प्रभावित किया।

2 जनवरी 2018: तिरंगा यात्रा के दौरान हिंसा

उत्तर प्रदेश के कासगंज में गणतंत्र दिवस के मौक़े पर निकाली जा रही तिरंगा यात्रा के दौरान हुई एक झड़प ने साम्प्रदायिक हिंसा का रूप ले लिया था। हिंसा में चंदन गुप्ता नाम के एक युवक की गोली लगने से मौत हो गई थी। इस घटना के बाद अफवाहों का बाजार खूब गर्म रहा था।

10 जनवरी 2018: कठुआ रेप केस

जम्मू कश्मीर के कठुआ में 8 साल की बच्ची के साथ गैंगरेप किया और उसके बाद उसकी हत्या कर दी। इस घटना ने पूरे देश को हिला दिया। दरअसल, ये पूरा मामला दो धर्मों का है। बच्ची बकरवाल समुदाय से, जो कठुआ में अल्पसंख्यक है। वहां रहने वाले हिंदू परिवारों की बकरवालों से अतिक्रमण और आबादी में घुसपैठ के चलते लड़ाई होती रहती है। इन 2 समुदायों के बीच लंबे समय से चल रही दुश्मनी का खामियाजा उस 8 साल की बच्ची को भुगतना पड़ा। बता दें, इस घटना के पूरे 7 दिन बाद बच्ची का शव जंगल से बरामद हुआ। 23 जनवरी को क्राइम ब्रांच की टीम ने इसकी जांच शुरू की। 9 अप्रैल को आई इसकी चार्टशीट में 8 आरोपी की सूची सामने आई।

1 फरवरी 2018 अंकित सक्सेना हत्याकांड

इस साल दिल्ली के ख्याला इलाके में हुई अंकित सक्सेना की हत्या काफी चर्चा में रही। अंकित सक्सेना, मुस्लिम समुदाय की एक लड़की से प्रेम करता था। लड़की के परिजनों ने अंकित की चाकू से गला रेतकर हत्या कर दी। शान के लिए की गई इस हत्या से लड़की के परिवार को कुछ हासिल नहीं हुआ, वहीं अंकित के मां-बाप से बेटा छिन गया। इस घटना से सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ गया था।

26 जून 2018: मंदसौर रेप केस

मध्यप्रदेश के मंदसौर में सात साल की बच्ची के साथ निर्भया जैसी दरिंदगी करने का मामला सामने आया। इसके बाद न्याय मांगने के लिए लोग सड़को पर उतरे। आपको बता दें इस पूरे मामले 55 दिन बाद दो आरोपियों को कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई।

6 जुलाई 2018: उन्नाव रेप केस

उत्तरप्रदेश के उन्नाव जिले से एक वीडियो वायरल हुआ। इस वीडियो में आरोपी एक महिला को दबोचे हुए नजर आ रहे थे और वहीं महिला भैया छोड़ दो.. कहती सुनाई दे रही थी। जब वीडियो की पड़ताल मीडिया के लोगों के द्वारा की गई तो मालूम चला कि ये वीडियो करीब तीन महीने पूरा है । महिला ने बीजेपी विधायक कुलदीप सेंगर पर रेप के आरोप लगाए। इसके बाद मामला खूब चर्चा में रहा।

30 जून 2018: बुराड़ी कांड

दिल्ली के बुराड़ी इलाके में एक ही घर में परिवार के 11 लोगों की रहस्यमय मौत ने पूरे देश को हिला कर रखा दिया। दरअसल, दिल्ली के भाटिया परिवार उस वक्त चर्चा में जब घर के पूरे सदस्य हाथ-पैर, मुंह बांधकर मौत के घाट उतर गए। इस पूरे मामले में पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आ गई है, जिसमें कहा गया है कि 11 में से 11 लोगों की मौत फांसी के फंदे से हुई। इस मामले की छानबीन में पाया गया कि ये पूरी घटना एक अंधविश्वास के चलते हुई। जिसकी प्लानिंग कई सालों से जारी थी। घर के सदस्यों को जरा सा भी अंदाजा नहीं था उनके इस कदम से वह सब मौत के मुंह में चले जाएंगे। ये पूरी घटना कई महीनों तक सुर्खियों में बनी रही।

शेल्टर होम मामला-

इस साल रेप की घटनाओं ने काफी विचलित किया। जिसमें से शेल्टर होम के मामले भी कई सामने आए। जिसमें से बिहार के मुजफ्फरपुर का मामला काफी सुर्खियों में रहा। मुजफ्फरपुर के शेल्टर होम में मिली 40 लड़कियों में से 34 के साथ रेप की पुष्टि हुई थी। इन्हें नशीली दवाएं देकर गलत काम के लिए मजबूर किया जाता था। अगर कोई लड़की इसके लिए तैयार नहीं होती थी तो उसके साथ मारपीट की जाती थी। वहीं यूपी के देवारिया शेल्टर होम की ऐसी ही घटना सामने आयी। इसके बाद देश के विभिन्न कोने से मूक-बधिर शेल्टर होम हो या अन्य कई जगहों से ऐसे मामले इस साल सुर्खियों में रहे।

3 दिसंबर 2018: बुलंदशहर हिंसा

उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर के स्याना में गौ मांस के नाम पर फैली हिंसा ने एक पुलिस अधिकारी और एक अन्य शख्स की जान ली। यह हिंसा भी साम्प्रदायिक रंग लेने से बच नहीं पाई। जिससे लेकर सोशल मीडिया पर झूठी अफवाएं फैलाई गई।

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