ये हैं लालू यादव से जुड़े 5 बड़े विवाद, पढ़ें

2010 से 2014 के बीच यह बेनामी प्रॉपर्टी लालू की फैमिली की कंपनी लारा प्रोजेक्ट को सिर्फ 65 लाख में ट्रांसफर कर दी गई, जबकि सर्कल रेट के तहत इसकी कीमत करीब 32 करोड़ थी और मार्केट रेट 94 करोड़ रुपए था।

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पटना: सीबीआई ने होटलों के रखरखाव के लिए टेंडर देने में कथित अनियमितताओं के एक ताजा मामले में शुक्रवार को पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के परिवार के सदस्यों के आवासों पर छापेमारी की। सीबीआई ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बताया कि लालू ने रेल मंत्री रहते हुए कैसे ये घोटाला किया था। सीबीआई ने ये खुलासा भी किया कि कैसे टेंडर के बदले लालू ने 32 करोड़ की जमीन को 65 लाख रुपये में खरीदा।

सीबीआई अधिकारी राकेश अस्थाना ने बताया कि पांच जुलाई को केस दर्ज किया गया था। सीबीआई ने लालू और उनके परिवार समेत आठ लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 420 (धोखाधड़ी), 120 बी (आपराधिक साजिश), 13, 13 (1) (डी) पीसी एक्ट का मामला दर्ज किया गया।

लालू प्रसाद यादव से जुड़े विवाद-

चारा घोटाला-1996 में सामने आए चारा घोटाले ने बिहार की राजनीति को गर्मा दिया। उस वक्त बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू यादव ही थे और उन्हें इस घोटाले में मुख्य अभियुक्त बनाया गया है। पशुओं को खिलाए जाने वाले चारे के नाम पर सरकारी खजाने में बड़ स्तर का फर्जीवाड़ा हुआ था।

बताया जाता है कि ये घोटाला करीब 900 करोड़ रुपए का है। 1997 में उन्हें घोटाले के आरोप में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देकर जेल जाना पड़ा था। इस मामले में दोषी करार दिए जाने पर उन्हें लोकसभा से भी अयोग्य घोषित कर दिया गया था। आज भी इस मामले में केस चेल रहा है। आज लालू यादव की चारा घोटाला मामले में रांची की विशेष अदालत में पेशी होनी है।

हेमामालिनी के गाल वाले बयान पर विवाद- ओमपुरी के गाल जैसी बिहार की सड़कों को हेमामालिनी के गाल जैसा बनाएंगे। लालू प्रसाद यादव तब बिहार के मुख्यमंत्री थे। उन्होंने कहा था कि बिहार की सड़के अभी ओमपुरी के गाल की तरह हैं पर वे इन्हे हेमामालिनी के गाल की तरह बनाने का वादा करते हैं। साल 2016 में उन्होंने इस विवाद पर सफाई दी और कहा कि वे हेमामालिनी का बेहद सम्मान करते हैं।

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शहाबुद्दीन से नजदीकी, ऑडियो टेप वायरल- बिहार के बाहुबली नेता शहाबुद्दीन से लालू यादव की नजदीकियों ने उन्हें मुश्किल में डाला। शहाबुद्दीन अभी जेल में है, लेकिन खबरें आती रही कि लालू उसके संपर्क में रहते हैं। हाल ही में लालू और शहाबुद्दीन की बातचीत का एक कथित ऑडियो टेप सामने आया था। जो वायरल हुआ। वे लालू ही थे जिन्होंने शाहबुद्दीन को आशीर्वाद देकर अपनी पार्टी, जनता दल के युवा मोर्चे में प्रवेश करवाया था।

मिट्टी घोटाला- भाजपा नेता सुशील मोदी ने लालू यादव पर आरोप लगाया है कि उन्होंने उपने परिवार के  लिए एक शॉपिंग मॉल के निर्माण से निकली मिट्टी को संजय गांधी जैविक उद्यान को बगैर टेंडर के बेच दिया। मिट्टी को 90 लाख रुपए में बेचा गया। गौरतलब है कि जिस उद्यान को मिट्टी बेची गई वह बिहार के पर्यावरण और वन विभाग के अंतर्गत आती है जिसका मंत्रालय लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप के हाथ में है।

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लालकृष्ण अडवाणी की गिरफ्तारी- मंदिर आंदोलन के वक्त जब भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी रथ यात्रा कर रहे थे तो लालू यादव ने उनकी रथयात्रा रोककर उन्हें गिरफ्तार करने का आदेश दिया था। लालू यादव बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री थे. 23 अक्टूबर 1990 को जब आडवाणी का रथ बिहार के समस्तीपुर में पहुंचा तो बिहार पुलिस ने उनकी रथयात्रा रुकवाकर उन्हें गिरफ्तार कर लिया।

बेनामी संपत्ति मामले में फंसी मीसा भारती –बेनामी संपत्ति मामले में लालू यादव की बेटी मीसा भारती भी विवादों में घिर चुकी हैं। दिल्ली में आयकर विभाग ने उनसे कई बार पूछताछ भी की है।

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सीबीआई की FIR में ये नाम
1) लालू प्रसाद यादव- तब के रेल मंत्री
2‌‌) राबड़ी देवी- लालू की पत्नी
3) तेजस्वी प्रसाद यादव- बिहार के डिप्टी सीएम
4) सरला गुप्ता- आरजेडी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रेमचंद गुप्ता की पत्नी
5)पीके गोयल- पूर्व आईआरसीटीसी मैनेजिंग डायरेक्टर
6)विजय कोचर- होटल चाणक्य की मालिकाना हक वाली कंपनी के डायरेक्टर
7) विनय कोचर- सुजाता होटल्स कंपनी के डायरेक्टर और विजय कोचर के भाई
8)मेसर्स लारा प्रोजेक्ट्स- पटना में मॉल के लिए जमीन खरीदने वाली यादव फैमिली कंपनी
क्या है पूरा मामला
दरअसल, ये पूरा मामला है साल 2006 का, जिस वक्त लालू यादव यूपीए सरकार में रेल मंत्री थे। ऐसा माना जा रहा है कि साल 2006 में रांची और पुरी के बीएनआर होटलों के विकास, रखरखाव और संचालन के लिए टेंडर में कथित अनियमितता पाए जाने के संबंध में ये एफआईआर दर्ज की गईं। यह टेंडर सुजाता होटल्स को दिए गए थे। बीएनआर होटल रेलवे के हैरिटेज होटल हैं, जिन्हें उसी साल आईआरसीटीसी ने अपने नियंत्रण में ले लिया था। केस दर्ज किए जाने के बाद दिल्ली, पटना, रांची, पुरी और गुरुग्राम सहित 12 स्थानों पर छापेमारी की गई है।
स्कैम का शक लालू पर क्यों-
टेंडर के एवज में 25 फरवरी, 2005 में कोचर ने 3 एकड़ जमीन सरला गुप्ता की कंपनी मेसर्स डिलाइट मार्केटिंग कंपनी लिमिटेड (डीएमसीएल) को 1.47 करोड़ रुपए में बेच दी, जबकि बाजार में उसकी कीमत 1.93 करोड़ रुपए थी। इसे एग्रीकल्चर लैंड बताकर सर्कल रेट से काफी कम पर बेचा गया, स्टाम्प ड्यूटी में गड़बड़ी की गई।
2010 से 2014 के बीच यह बेनामी प्रॉपर्टी लालू की फैमिली की कंपनी लारा प्रोजेक्ट को सिर्फ 65 लाख में ट्रांसफर कर दी गई, जबकि सर्कल रेट के तहत इसकी कीमत करीब 32 करोड़ थी और मार्केट रेट 94 करोड़ रुपए था। एफआईआर में आरोप है, “कोचर ने जिस दिन डीएमसीएल के फेवर में यह सौदा किया, उसी दिन रेलवे बोर्ड ने आईआरसीटीसी को उसे बीएनआर होटल्स सौंपे जाने के अपने फैसले के बारे में बताया।”
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