घायल वानर के उपचार के लिए 3 घंटे भटकते रहे ग्रामीण,

0
127

जिला कलेक्टर के हस्तक्षेप के बाद हुआ उपचार प्रारंभ

संवाददाता शाहपुरा। शाहपुरा कस्बे में पशु चिकित्सालय व विभाग का हाल बेहाल है। राज्य सरकार द्वारा कलिंजरी गेट पर लाखों रुपए की लागत से चिकित्सालय में सभी सुविधाएं दे रखी है। इसके बावजूद भी ना तो पशु चिकित्सक मिलते हैं और ना ही कोई कर्मचारी। जिसकी वजह से पशु पालकों को निजी स्तर पर पशुओं का उपचार करवाना पड़ता है।कर्मचारी अथवा अथवा पशु चिकित्सक को जब किसी घायल पशु के लिए बात करते हैं तो बेहद ही गलत तरीके से पेश आते हैं। शनिवार को लसाडिया गांव में एक वानर करीब 25 फुट की ऊंचाई से गिर गया। जिस पर गांव के समाजसेवी गोपाल जाट, हंसराज जाट,हेमराज जाट,दिनेश जाट, बालकिशन वैष्णव तथा सचिन गुर्जर उसे अपनी निजी गाड़ी में लेकर शाहपुरा पशु चिकित्सालय पहुचे।चिकित्सालय के बाहर ताला लगा हुआ था।जब उन्होंने चिकित्सा कर्मियों से संपर्क करने की कोशिश की तो उन्हें कहीं से भी सही जवाब नहीं मिला।जिसके बाद घायल वानर को लेकर उपखंड कार्यालय पहुंचे। जहां पर मौजूद शाहपुरा बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष एडवोकेट दिनेश व्यास ने ग्रामीणों से जानकारी ली और पूर्व पार्षद सुभाष व्यास को फोन करके बुलाया। जब उन्होंने पशु चिकित्सक से बात करने की कोशिश की तो उन्होंने कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया और घायल वानर को लेकर पुनः पशु चिकित्सालय पहुंचे तो वहां पर कोई कर्मचारी नहीं था और ताला लगा हुआ था।जिसके बाद पूर्व पार्षद व्यास ने जिला कलेक्टर को मामले से अवगत कराया। कलेक्टर के हस्तक्षेप के बाद उपखंड अधिकारी अंशुल सिंह ने तहसीलदार एनएल जीनगर को निर्देश दिए और आमली कला में कार्यरत डॉ कुंदन मीणा को वानर के उपचार के निर्देश दिए।इसके बाद डॉक्टर मीणा शाहपुरा पहुंचे और घायल वानर का उपचार प्रारंभ किया। डॉक्टर मीणा ने बताया कि वानर की हालत स्थिर है जिसे इंजेक्शन व अन्य दवाइयां दी गई है जिससे इंटरनल ब्लीडिंग हो वह भी रुक जाए ।वहीं ग्रामीणों ने बताया कि पशु चिकित्सालय के हालबेहाल है। कभी भी कर्मचारी मौके पर नहीं मिलते हैं। उल्टा सरकारी कर्मचारी ही निजी प्रैक्टिस करते रहते हैं। तहसीलदार जीनगर स्वयं जब चिकित्सालय गए तो ताला लगा हुआ मिला। उधर एसडीएम अंशुल सिंह ने बताया कि लापरवाह कर्मचारियों के विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी और संबंधित पशु चिकित्सक को नोटिस जारी करके जवाब तलब किया जाएगा।राजकीय अवकाश होने पर भी इमरजेंसी सेवाएं बंद नहीं होती है। संबंधित चिकित्सक को नोटिस देकर जवाब तलब किया जाएगा। आज रविवार को प्रातः वनराज की तड़प-तड़प कर मौत हो गई लसाडिया ग्राम वासियों ने गाजे-बाजे के साथ गुलाल के साथ पुष्प वर्षा कर श्रद्धा के साथ अंतिम यात्रा निकाली और अंतिम संस्कार किया।

ताजा अपडेट्स के लिए आप पञ्चदूत मोबाइल ऐप डाउनलोड कर सकते हैं, ऐप को इंस्टॉल करने के लिए यहां क्लिक करें.. इसके अलावा आप हमें फेसबुकट्विटरइंस्ट्राग्राम और यूट्यूब चैनल पर फॉलो कर सकते हैं।