लखनऊ: उत्तरप्रदेश में पांच चरणों की वोटिंग खत्म हो चुकी है। अब सिर्फ दो फेज का मतदान बचा है। पर दावों और उस पर जवाबी हमलों का दौर जारी है। इस काम में सभी पार्टियां लगी हैं, पर सबसे ज्यादा प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव आमने-सामने रहे हैं। मोदी बार-बार यूपी की तुलना भाजपा शासित राज्यों, मसलन मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र आदि से कर रहे हैं। और हर बार कहते हैं कि यूपी हर मामले में पिछड़ा हुआ है। जवाब में अखिलेश यादव अपने दावे पेश करते हैं।
सबसे पहले बात करते हैं पीएम मोदी और उनके 5 प्रमुख दावे और उनकी सच्चाई की
हिंदुस्तान में दलितों पर सबसे ज्यादा अत्याचार उत्तर प्रदेश ही हो रहा है।
नेशनलक्राइम ब्यूरो के मुताबिक यूपी में 2015 में 8 हजार 460 दलितों ने केस दर्ज कराए। यह देश में सबसे ज्यादा है। पर इसे आबादी के अनुपात में देखना हाेगा। यूपी में एक लाख दलित आबादी पर क्राइम रेट 19 है। जबकि गुजरात में 26 से 27, मप्र में 37 और गोवा 51 है।
उत्तरप्रदेश में किसानों की पैदावार का सिर्फ 3% ही सरकारी एजेंसियां खरीद रही हैं।
फूड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया और राज्य सरकार की एजेंसियों के मुताबिक यूपी में 2014-15 में 2.5% गेहूं और 10.5% चावल की खरीदी हुई। जबकि गुजरात में 0% खरीदी हुई है। मप्र में 29% और हरियाणा में 55% सरकारी खरीद हुई है।
हम प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना लाए हैं। इसमें अगर प्रकृतिक कारणों से किसान बुआई नहीं कर पाया तो भी उसको बीमा का लाभ मिलेगा। देश में ऐसी कोई योजना नहीं है…
फसल की ऐसी बीमा योजनाएं पहले से ही मौजदू हैं। जैसे वेदर बेस्ड कॉर्प इंश्योरेंस स्कीम (डब्ल्यूबीसीआईएस)। इसका लाभ सूखा, अधिक बरसात और पाले से फसल के नुकसान पर मिलता था। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना पहले से चली रही एनएआईएस और एमएनएआईएस स्कीम्स को मिलाकर बनाई गई है। डब्ल्यूबीसीआईएस स्कीम अब भी चल रही है।
गुजरात,झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, महाराष्ट्र जैसे भाजपा सरकार वाले राज्यों में किसानों को 60 से 70% तक फसल बीमा योजना का फायदा मिल चुका है। जबकि उत्तर प्रदेश में अब तक सिर्फ 3% किसानों का ही बीमा हो सका है।
यह डाटा राजस्थान और महाराष्ट्र के संदर्भ में तो सही है, पर गुजरात में 26% और मध्यप्रदेश में 38% किसानों का ही बीमा हुआ है। उत्तर प्रदेश के लिहाज से भी प्रधानमंत्री का आंकड़ा गलत है। इस राज्य में 13% किसानों का बीमा हो चुका है।
यहां पढ़ें अखिलेश के दो सबसे बड़े दावे और उनकी सच्चाई…
उत्तर प्रदेश के शहरों को 22-24 और गांवों को 14-16 घंटे बिजली दी जा रही है। किसी से भेदभाव नहीं हो रहा।
मुजफ्फरनगर के मोहम्मद तालीम कहते हैं कि उनके गांव में 10 से 12 घंटे ही बिजली आती है। रॉबर्ट्सगंज जिला मुख्यालय के लोग कहते हैं कि 14-15 घंटे ज्यादा बिजली नहीं मिलती है।
अखिलेश कह रहे कि उनका काम बोलता है। और स्कूलों में 50% अध्यापकों की भर्ती तक नहीं हुई है। तो गरीब पढ़ाई कहां करेगा?
यूपी में आठवीं तक के स्कूलों में 23% अध्यापकों की जगह खाली है। 50% जगह सिर्फ 9वीं और 10वींं के स्कूलों में खाली हैं। इस मामले में झारखंड में 72% और गुजरात में 34% पदखाली हैं। और येहाल देश के ज्यादतर राज्यों में है। देश में 10वीं तक के 10 लाख स्कूलों में शिक्षकों के 6 लाख पद खाली हैं।
- अन्य जॉब्स की खबरों के लिए यहां किल्क कीजिए
- ट्रेंडिग खबरों के लिए यहां किल्क कीजिए
- दिनभर की बड़ी खबरों के लिए यहां किल्क कीजिए
- लाइफस्टाइल और जरा हटके खबरों के यहां किल्क कीजिए।
(खबर कैसी लगी बताएं जरूर। आप हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो भी कर सकते हैं)