अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ का धरना दूसरे दिन जारी

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– 15 सूत्री मांगों के निराकरण की मांग, प्रशासन शहरों व गांवों के संघ अभियान का बहिष्कार जारी
हनुमानगढ़। जंक्शन जिला कलेक्ट्रेट पर अपनी 15 सूत्री मांगों को लेकर अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ का धरना दुसरे दिन जारी रहा। कर्मचारियों ने गुरुवार को भी प्रशासन शहरों एवं गांवों के संग अभियान के शिविरों का बहिष्कार कर उपखण्ड कार्यालयों के समक्ष धरना दिया। अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ जिलाध्यक्ष चन्द्रभान ज्याणी ने कहा कि महासंघ की ओर से 15 सूत्री मांगपत्र से राजस्थान सरकार को अवगत करवाया जा चुका है परन्तु कोई कार्रवाई नहीं हुई। महासंघ के 15 सूत्री मांग पत्र में पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल करने, संविदा कर्मचारियों को नियमित करने, वेतन विसंगतियां दूर करने, 9, 18, 27 की जगह 7, 14, 21, 28, 32 पद का वेतनमान स्वीकृत करने, ठेका प्रथा बंद करने, कार्मिकों का वेतन 26 हजार रुपए निर्धारित कर सातवें केंद्रीय वेतनमान के सभी परिलाभ लागू करने, नवीन भर्ती सातवें केंद्रीय वेतनमान के सभी परिलाभ लागू करने, नवीन भर्ती सेवा नियम एवं नवीन पेंशन नियम-2004 को समाप्त कर पूर्ववर्ती व्यवस्था पुनः लागू करने, प्रोफेशन में पूर्व की भांति नियमित वेतनमान देने, राज्य कर्मचारी, बोर्ड, निगम, पंचायत राज एवं स्वायत्तशासी संस्थाओं के कार्मिकों को सेवाकाल में 5 पदोन्नति के अवसर देने एवं समयबद्ध पदोन्नति करने, पदोन्नति नहीं होने की स्थिति में 7, 14, 21, 28 एवं 32 की सेवा पर पदोन्नति के पद का वेतनमान स्वीकृत करने आदि की मांग की जा रही है। सरकार की हठधर्मिता के कारण संगठन सदस्यों में रोष है। इसके चलते प्रांतीय आह्वान पर चरणबद्ध आंदोलन की शुरुआत की गई है। प्रथम चरण में कर्मचारी लगातार तीन दिन तक शिविरों का बहिष्कार कर उपखण्ड कार्यालयों पर धरना-प्रदर्शन कर विरोध जता रहे हैं। गुरुवार को धरने पर अनिल बिश्नोई, तारादत्त शर्मा, बृजलाल चौहान, गजेंद्र सोनी, कैलाश चन्द्र, सुखदेव सिंह, हरबंस लाल, विक्रम शर्मा, सुखदेव सिंह, प्रेम कुमार, सीताराम, गिरदावर शिव कुमार बिश्नोई आदि मौजूद थे।

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