शहीद किसानों की शहादत का परिणाम किसानों की जीत

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-तीनों काले कानून वापिस होने पर जंक्शन भगत सिंह चौक पर दीपावली जैसा माहौल
हनुमानगढ़।
 किसान विरोधी तीनों कानूनों को केंद्र सरकार वापस लेने का ऐलान किया है। इससे देशभर के किसानों में भी खुशी की लहर दौड़ पड़ी है। हनुमानगढ़ जिले के किसानों ने संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले जंक्शन भगत सिंह चौक पर खुशी जाहिर करते हुए इसे अपनी जीत बताया है। इस मौके पर किसानों ने ढोल नगाडों पर नांच गाकर व मिठाईया बांटकर खुशी का इजहार किया। वक्ताओं ने कहा कि पिछले साल केंद्र सरकार ने तीन कृषि कानून लागू किए थे। इसको लेकर हनुमानगढ़ जिले के किसान भी विरोध कर रहे थे, लेकिन अब जब पीएम मोदी ने कृषि कानून वापस लेने का ऐलान किया तो वे बेहद खुश हैं। वक्ताओं ने कहा कि किसानों की शहादत काम आई है और इसके चलते ही सरकार को झुकना पड़ा। यह किसानों के संघर्ष की जीत है।  किसान आंदोलन एक साल से देश के लोगों का आंदोलन बन गया था। इसके चलते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुद कानून वापस लेने की घोषणा करनी पड़ी। उन्होने कहा देर से ही सही लेकिन सरकार को अपनी गलती का अहसास हुआ हैं। किसान इसके लिए उन्हें बधाई देते हैं। लेकिन यह सिर्फ आंशिक जीत हैं। अभी किसानों की तमाम समस्याएं हैं जिनको लेकर सरकार से लड़ाई जारी रहेगी। इस मौके पर रेशम सिंह माणुका, रायसाहब चाहर, गुरदीप चहल, अपारजोत बराड़, जसमीत कौर भुल्लर, तरसेम सिंह मान, रविन्द्र चाहर, राजकुमार यादव, महेन्द्र ओझा, सन्नी कुलार, लखवीर सिंह सतीपुरा, वीरेन्द्र सिंह, काला पहलवान, संदीप कंग, सिराजुद्दी चायल, लखवीर सिंह गुरूसर, उदयपाल चाहर, महावीर सियाग, चरणजीत सिंह ,जगतार सिंह, अमन घुमन, मनप्रीत सिंह, तरसेम सिंह, विजेंद्र चाहर, यादविंदर सिंह, काला सिंह, ममता प्रणामी, वजीर मान ,राजदीप सिंह, जगतार सिंह, चेतन मेहरडा, सुखदेव सिंह, गुरदेव सिंह गिल, सिकंदर मानुका, हरजिंदर सिंह, जगमीत सिंह, बलजिन्दर सिंह ढिल्लो, राजवीर सिंह ढिल्लो, गुरमोहन सिंह सहित सैकड़ों किसान मौजूद थे।

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