कुम्हार प्रजापति को कुमावत कहने पर कुम्हार जाति ने विरोध प्रकट किया और आंदोलन की चेतावनी दी

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संवाददाता शाहपुरा। शाहपुरा भीलवाड़ा शाहपुरा उपखंड क्षेत्र के कुम्हार प्रजापति समाज के लोगों ने राष्ट्रीय कुम्हार महासभा के नेतृत्व में राजस्व मंत्री द्वारा कुमावत लिखे जाने के आदेश का विरोध करते हुए राजस्थान सरकार और राजस्व मंत्री के विरोध में नारे लगाए मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन उपखंड अधिकारी सुनीता यादव को दिया और बताया कि 1956 से पहले कुमावत नाम की जाति नहीं थी जानकारी के अनुसार
जमाबंदी में कुम्हार प्रजापत शब्द पर प्रदेश भर में प्रजापत समाज में भारी रोष व्याप्त रहा और अभी हाल में ही फुलेरा से भाजपा विधायक निर्मल कुमावत द्वारा जमाबंदी में कुम्हार प्रजापत शब्द को हटाकर सिर्फ कुमावत समाज रखने की मांग की गई थी और सरकार ने इस मामले को मानते हुए कुम्हार प्रजापत की जगह कुमावत करने के आदेश जारी भी कर दिया है इस मामले को लेकर राष्ट्रीय कुमार महासभा शाहपुरा से एडवोकेट दुर्गा लाल राजोरा व युवा जिलाध्यक्ष जगदीश प्रजापत जिला उपाध्यक्ष गोविंद प्रजापत ने बयान देते हुए कहा कि कुम्हार समाज द्वारा बनाए गए मिट्टी के बर्तन के सिक्के मोहन जोदड़ो हड़प्पा संस्कृति में मिले जिससे यह सिद्ध होता कि कुम्हार जाति सनातन धर्म से ज्ञानी आदिकाल से 1901 1911 व 1931 जयपुर स्टेट की जनगणना में कुम्हार शब्द प्रचलित है लेकिन अभी राजस्थान सरकार के राजस्व मंत्री रामलाल जाट ने फुलेरा विधायक निर्मल कुमावत की मांग को मानते हुए जमाबंदी में कुम्हार प्रजापत से कुमावत करने के आदेश राजस्थान के समस्त जिला कलेक्टर को जारी किए.

राजस्थान सरकार द्वारा कुम्हार की जाति का वजूद खत्म करने के साथ इस तरह रवेये से समस्त कुम्हार समाज में भारी रोष व्याप्त है प्रजापति समाज इस आदेश के पुरजोर विरोध कर अपनी जाति को बचाने के लिए आंदोलन करेगा और सड़कों पर उतर कर संघर्ष करेगा सांवरा लाल प्रजापत कलिंजरी गेट देव किशन प्रजापत उदय लाल जिला रामदेव प्रजापत राजेश प्रजापत एवं शाहपुरा नगर से मदन प्रजापत मुकेश प्रजापत दिनेश प्रजापत लोकेश प्रजापत उदय लाल प्रजापत रायपुर से मिश्री लाल प्रजापत नारायण प्रजापत सांवर लाल प्रजापत देवी प्रजापत राजू प्रजापत गोपाल प्रजापत बाबूलाल प्रजापत आदि सैकड़ों कुमार प्रजापत समाज के व्यक्तियों ने ज्ञापन के माध्यम से आपत्ति दर्ज कराई।

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