खुलासा: सुनियोजित थी भारत बंद के दौरान हिंसा, युवाओं को दी गई थी स्पेशल ट्रेनिंग

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नई दिल्ली: अनुसूचित जाति-जनजाति अधिनियम के बदलाव के सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर 2 अप्रैल को भारत बंद के दौरान हुई हिंसा को पुलिस मुख्यालय की इंटेलीजेंस शाखा ने सुनियोजित बताया है। रिपोर्ट में बताया गया है ये हिंसा सुनियोजित थी। इसमें बकायदा लोगों को ट्रेनिंग दी गई कि देश के किन राज्यों को किस तरह हिंसा का शिकार बनाना है।
सूत्रों के मुताबिक हिंसा को लेकर इंटेलीजेंस शाखा ने इनपुट एकत्रित किया है। साथ ही जो लोग अब तक गिरफ्तार हुए हैं, उनसे भी इस संबंध में पुलिस और इंटेलीजेंस को इससे जुड़ी जानकारी मिली है।

रिपोर्ट में यह सामने आया है कि ग्वालियर और चंबल संभागों में हिंसा के लिए करीब तीन दर्जन से ज्यादा संगठनों ने गड़बड़ी फैलाने की साजिश रची। इनके द्वारा अपने विश्वस्त लोगों को लाठी-डंडे बांटे गए। उन्हें ट्रेनिंग दी गई। ट्रेनिंग में इन विश्वस्त लोगों के व्हाट्सऐप ग्रुप बना गए और  सारी जानकारी व्हाट्सऐप के माध्यम से ली और दी गई है।

चिन्हित स्थान पर लोग तैनात सूत्र बताते हैं कि इंटेलीजेंस शाखा ने संगठनों को चिन्हित कर लिया है। इनमें से कुछ संगठनों के पदाधिकारियों की धरपकड़ के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। ट्रेनिंग में यह भी बताया गया था कि किस व्यक्ति को किस स्थान पर रहना है।

कुछ सरकारी अधिकारी और कर्मचारी भी हिंसा में शामिल थे, जिनकी रिपोर्ट इंटेलीजेंस ने जुटा ली। आईजी मकरंद देउस्कर ने अधिकृत रूप से यह कहा है कि विवेचना में जो अधिकारी या कर्मचारी और अन्य व्यक्ति के हिंसा में शामिल होने के साक्ष्य मिलेंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, आधिकारिक तौर पर अभी कोई भी अफसर इस बात पर बोल नहीं रहा है।

हिंसा प्रभावित जिलों में सुरक्षा के मद्देनजर अतिरिक्त बल को तैनात किया गया है। विशेष सशस्त्र बल की 16 कंपनियां, आरएएफ की चार कंपनियां, एसटीएफ की दो कंपनियों के अलावा नवप्रशिक्षित 550 उपनिरीक्षक (सब इंस्पेक्टर) और नवप्रशिक्षित 3000 आरक्षक तैनात किए गए हैं। सुरक्षा बल लगातार गश्त कर रहे हैं।

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