विधायक कीर्ति बाईसा का स्वाइन फ्लू से निधन या लापरवाही !

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भीलवाड़ा: मांडलगढ़/बिजौलिया से भाजपा विधायक कीर्ति कुमारी का निधन हो गया। वे स्वाइन फ्लू से पीड़ित थीं। उनका जयपुर के फोर्टिस अस्पताल में उपचार किया जा रहा था। अब खबर आई है कि स्वाइन फ्लू के कारण फेफड़ों में संक्रमण बढ़ने पर एक्नो मशीन की जरुरत थी लेकिन राजस्थान के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एसएमएस के पास ये मशीन ही नहीं थी। और जब तक उन्हें फोर्टिस अस्पताल ले जाया गया उनका निधन हो गया। वे बिजौलिया के पूर्व राजघराने की बेटी थीं। उनका पार्थिव शरीर सड़क के रास्ते मांडलगढ़ होते हुए बिजौलिया लेकर जाया जाएगा। बता दें अभी हाल ही में कीर्ति कुमारी ने अपना 50वां बर्थडे मनाया था।
निधन पर मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने दुख जताते हुए सोशल मीडिया पर लिखा है कि कीर्ति कुमारी जी के असामयिक निधन पर शोक व्यक्त करती हूँ। उनका निधन मेरे और समस्त भाजपा परिवार के लिए एक बहुत बड़ी क्षति है। वह हमारे परिवार का एक अभिन्न अंग थीं। ईश्वर से प्रार्थना है की इस दुःखद घड़ी में उनके परिवारजनों को इस आघात को सहने की शक्ति प्रदान करें।

firstpost.com की खबर के अनुसार, शनिवार शाम को कीर्ति कुमारी को जयपुर के एसएमएस अस्पताल में भर्ती कराया था। रविवार शाम पांच बजे रिपोर्ट पॉजिटिव आई। फेफड़ों में संक्रमण बढ़ने पर एक्नो मशीन की जरुरत थी लेकिन राजस्थान के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एसएमएस के पास ये मशीन ही नहीं थी। आखिरकर कीर्ति कुमारी को फोर्टिस अस्पताल भेजा गया लेकिन तब तक हालत काफी बिगड़ चुकी थी और उनकी मौत हो गई। कुमारी के समर्थकों ने आरोप लगाया कि मौत सरकार की लापरवाही से हुई है। पहले सीनियर डॉक्टर इलाज करने नहीं आए फिर शिफ्ट करने के लिए एंबुलेंस भी दो घंटे देरी से पहुंची।

वहीं, राजपूत सभा के अध्यक्ष गिरिराज सिंह लोटवाड़ा ने बताया, ‘मैं खुद वहां पर था। सीनियर डॉक्टर देखने के लिए नहीं आए, फिर बार बार फोन करने के बावजूद दो घंटे बाद एंबुलेंस पहुंची। सरकार की लापरवाही से मौत हुई है।

आम आदमी जाए तो जाए कहां:

अगर ये सच में लापरवाही है तो आप सोच सकते हैं कि एक मौजूदा विधायक जो महाराणा प्रताप के ससुराल वाले राजघराने से संबंध रखती है। उनके जान लापरवाही ले सकती है तो आम आदमी का क्या होगा? अगर ये लापरवाही है तो इसका सीधा मतलब ये है कि राजस्थान का सबसे बड़ा हॉस्पिटल अभी भी जानलेवा बीमारियों के सफल ईलाज के लिए तैयार नहीं है। फिर आम आदमी जाए तो जाए कहां

Kirti Kumari

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उधर, विधायक की मौत के बाद से ही प्रदेश सरकार पर सवाल उठाए जा रहे हैं। कि आखिर इतनी मौतें स्वाइन फ्लू से हो रही हैं, तो सरकार इसकी रोकथाम के लिए कोई कारगर उपाय क्यों नहीं कर रही है। जयपुर, जोधपुर और बीकानेर समेत कई शहर स्वाइन फ्लू की चपेट में हैं। राज्य में करीब 600 स्वाइन फ्लू के मरीज हैं और पिछले आठ महीने में बहुत से लोगों की मौत हो चुकी है।

विधायक ने खुद भी बरती लापरवाही:

डॉक्टरों के अनुसार वो चार पांच दिन से बुखार से पीड़ित थीं। उन्होंने बुखार को ज्यादा गंभीरता से नहीं लिया और अपने घर बिजौलिया में ही तीन दिन तक इलाज कराती रहीं। उसके बाद कोटा अस्पताल में लगाया गया जहां से जयपुर रेफर कर दिया गया था।

अस्पताल के बाहर उनके समर्थक एक दूसरे से गले लगकर रो पड़े। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी, राजस्थान महिला आयोग की अध्यक्ष सुमन शर्मा, पार्टी के प्रदेश प्रभारी वी सतीश सहित अनेक वरिष्ठ पदाधिकारियों ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। आपको बता दें कि कीर्ति कुमारी ने 2013 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के विवेक को बड़े अंतर से शिकस्त दी थी। उन्हें चुनाव में 83 हजार से ज्यादा वोट मिले थे वहीं पर उनके प्रतिद्वंद्वी विवेक को 64544 मतों से ही संतोष करना पड़ा था।

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मांडलगढ़-बिजौलिया में अंतिम दर्शन को उमड़े लोग

कीर्ति कुमारी का शरीर आज पंचतत्व में विलीन हो गया। उन्हे राकेश राजपुरोहित ने विधि विधान मुखाग्नि दी। अतिंम यात्रा में जब मांडलगढ़-बिजौलिया से गुजरी तो उनके चाहाने वालों का हूजूम उमड़ पड़ा था। हर कोई उन्हें आखरी विदाई देने के लिए उमड़ पड़ा था। पीएम मोदी की उदयपुर यात्रा की तैयारी के चलते वयस्त होने बावजूत मुख्यमंत्री वसुंघरा राजे भी शामिल हुई।

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