रामलीला में अशोक वाटिका का विध्वंस व लंका दहन का मंचन देख दर्शक खुब हुए रोमांचित

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हनुमानगढ़। संभाग की सबसे बड़ी व मर्यादित रामलीला टाउन श्रीरामलीला रंगमंच पर श्रीरामलीला समिति द्वारा आयोजित की जा रही है। रामलीला के दसवें दिन भारी संख्या में पहुंचे लोगों ने रावण लंका दहन का मंचन देखा। रावण जब हनुमान जी की पूंछ में आग लगा देते हैं तो हनुमान जी रावण की सोने की लंका को जलाकर उसका अहंकार तोड़ देते हैं। यह दृश्य देखकर रामलीला आयोजन स्थल पर मौजूद लोग हनुमान जी व जय श्री राम के जयकारे लगाते हैं। जब राम जी की सेना समुद्र के किनारे पहुंच जाती है तो प्रभु श्री राम हनुमान जी को रावण को अंतिम चेतावनी व सीता जी का हाल जानने के लिए भेजते हैं, जब हनुमान जी समुद्र के ऊपर से जा रहे होते हैं तो आगे बढ़ने पर सुरसा हनुमानजी का रास्ता रोक लेती है। अनुनय विनय के बाद भी बात न बनने पर सुरसा के मुख का फैलाव 32 योजन होते ही हनुमान जी सूक्ष्म रूप धर प्रवेश कर, बाहर आ जाते हैं। सुरसा उनकी बुद्धि की प्रशंसा करने के साथ ही रामकाज पूर्ण करने का आशीर्वाद देती है।

मच्छर रूप धारण कर लंका में प्रवेश करते ही सुरक्षा में तैनात लंकिनी उनका रास्ता रोकती है। उनके घूंसे के एक वार से ही लंकिनी मुख से खून उगत देती है। कुटिया से राम-राम की आवाज सुन हनुमान अंदर जाते हैं और सामने विभीषण को पाते हैं। ब्राह्मण वेष हनुमान का परिचय पाते ही विभीषण प्रणाम करते हैं और माता सीता का पता बताते हैं। अशोक वाटिका पहुंचे हनुमान सीता पर रावण द्वारा किए जा रहे अत्याचार से व्यथित हो जाते हैं। इसके बाद हनुमान जी भूख लगने पर अशोक वाटिका को उजाड़ देता है,जिसपर हनुमानजी व अक्षय के बीच युद्ध होता है जिस में अक्षय कुमार मारा जाता है,इसके पश्चात मेधनाथ द्वारा ब्रह्म फ़ांस से बांध कर हनुमान जी को रावण दरबार में लाया जाता है तो अहंकारी रावण हनुमान जी की पूंछ में आग लगाने का आदेश देता है। लेकिन पल भर में हनुमान जी रावण की लंका को जलाकर राख करते हैं।

रामलीला के दसवें दिन शिव भोले महादेव की झांकी की आरती श्री अमरनाथ सेवा समिति के सदस्यों ने की। समिति अध्यक्ष अर्चित अग्रवाल व सचिव पवन खदरीया ने कहा कि भगवान राम की दिखाई जा रही लीला से हम सभी को सीख लेनी चाहिए कि एक भाई का क्या कर्तव्य होना चाहिए पिता और पुत्र का कैसा रिश्ता होना चाहिए। मंचन से हम सभी को सीख लेकर अपने परिवार को चलाना चाहिए और भगवान राम के पदचिन्हों पर चलने का प्रयास करना चाहिए। रामलीला मैदान दर्शको से खचाखच भरा हुआ था, रामलीला का मंचन डायरेक्टर प्रेम पारीक व उपडारेक्टर अशोक मिढ़ा व बहादुर सिंह चौहान के सानिध्य में किया जा रहा है। समिति सचिव पवन खदरीयाने बताया श्रीराम लीला में कलाकरो को रामलीला की सारी शैली और डायलॉग  कंठस्थ है ।

कलाकारो द्वारा पुर्ण मर्यादा के साथ राम लीला का मंचन किया जा रहा है उन्होने बताया पिछले 64 वर्षाे से श्रीरामलीला समिति द्वारा श्रीरामलीला रंगमंच पर श्रीरामलीला का मंचन मंजे हुये कलाकारों द्वारा किया जा रहा है, समिति के अध्यक्ष अर्चित अग्रवाल ने बताया आने वाली 12 अक्टूबर को श्रीरामलीला समिति द्वारा भव्य दशहरा उत्सव, दशहरा ग्राउड बाईपास हनुमानगढ़ टाऊन में मनाया जायेगा जिसके लिये रावण, मेघनाथ कुम्भकरण के विशाल पुतले तैयार किये जा रहे है,जिसमें रंगीन अतिशबाजी होगी। इस अवसर पर समिति के सरंक्षक बालकृष्ण गोल्याण,अध्यक्ष अर्चित अग्रवाल,सचिव पवन खदरीया,उपाध्यक्ष सज्जन बंसल,कोषाध्यक्ष सतिष गर्ग,स्टेज व्यवस्था प्रभारी सुन्दर बंसल व हेमन्त शर्मा,सुरेन्द्र तलवाड़ीया,बालकिशन खदरीया,दीनदयाल मालपानी,चॉदरतन खदरीया,सनातन धर्म महावीर दल के कैप्टन सोनू बंसल व दल के स्वयसेवको ने सम्भाल रखी है । मंच का संचालन मंच सचिव प्रहलाद गुप्ता द्वारा किया जा रहा है।

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