नई दिल्ली: स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना के बहुत हल्के लक्षण या प्री-सिम्प्टोमैटिक मरीजों के लिए होम आइसोलेशन की गाइडलाइन में बदलाव किए हैं। होम आइसोलेशन वाले मरीज शुरुआती लक्षण दिखने के 17 दिन बाद आइसोलेशन खत्म कर सकेंगे। प्री-सिम्पटोमैटिक मामलों में सैंपलिंग के दिन से 17 दिन गिने जाएंगे। दोनों मामलों में यह शर्त होगी कि 10 दिन से बुखार नहीं आया हो। आइसोलेशन खत्म होने के बाद कोरोना टेस्ट करवाना जरूरी नहीं होगा।
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, देश में कोरोना मरीजों का आंकड़ा 67 हजार को पार कर गया है। बीते 24 घंटे में 4 हजार से अधिक मामले सामने आए हैं और करीब 100 लोगों की मौत हुई है। वहीं कुल कंफर्म केस की संख्या 67 हजार 152 हो गई है, जिसमें 2 हजार 206 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 20 हजार 917 लोग ठीक हो चुके हैं। एक्टिव केस की संख्या 44 हजार 29 है।
क्या होंगे मरीज के लिए नियम-
- हर वक्त ट्रिपल लेयर वाला मेडिकल मास्क पहनना होगा। हर 8 घंटे में इसे बदलना होगा। अगर मास्क गीला या गंदा हो जाता है तो तुरंत बदलना पड़ेगा।
2. इस्तेमाल के बाद मास्क को डिस्कार्ड करने से पहले 1% सोडियम हाइपो-क्लोराइट से संक्रमण रहित (डिसइन्फेक्ट) करना होगा।
3. मरीज को अपने कमरे में ही रहना होगा। घर के दूसरे सदस्यों खासकर बुजुर्गों और हाइपरटेंशन या दिल की बीमारी वाले लोगों से संपर्क नहीं होना चाहिए।
4. मरीज को पर्याप्त आराम करना चाहिए और ज्यादा से ज्यादा पानी या तरल (फ्लुइड) लेना चाहिए।
5. सांस की स्थिति पर नजर रखने के लिए जो निर्देश दिए गए हैं वे मानने पड़ेंगे।
6. साबुन-पानी या अल्कोहॉल वाले सैनिटाइजर से कम से कम 40 सैकंड तक हाथ साफ करते रहने चाहिए।
7. पर्सनल चीजें दूसरों के साथ शेयर नहीं करनी चाहिए।
8. कमरे में जिन सतहों को बार-बार छूना पड़ता है (जैसे- टेबलटॉप, दरवाजों के कुंडी और हैंडल) उन्हें 1% हाइपोक्लोराइट सॉल्यूशन से साफ करना चाहिए।
9. मरीज को डॉक्टर के निर्देश और दवाओं से जुड़ी सलाह माननी पड़ेगी।
10. मरीज अपनी हालत को खुद मॉनिटर करेगा। हर दिन शरीर के तापमान की जांच करेगा। अगर स्थिति बिगड़ने के लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर को बताना होगा।
मरीज की देखभाल करने वाले के लिए सदस्य के लिए 12 अहम निर्देश
1. मरीज के कमरे में जाए तो ट्रिपल लेयर वाला मेडिकल मास्क पहनना होगा। मास्क इस्तेमाल करते वक्त उसका सामने वाला हिस्सा नहीं छूना चाहिए। अगर मास्क गीला या गंदा हो जाए तो तुरंत बदलना चाहिए। इस्तेमाल के बाद मास्क को डिस्कार्ड करें और हाथों को अच्छी तरह साफ करें।
2. देखभाल करने वाले को अपने चेहरे, नाक या मुंह को नहीं छूना चाहिए।
3. मरीज या उसके कमरे के संपर्क में आने पर हाथों को अच्छी तरह धोना चाहिए।
4. खाना बनाने से पहले और बाद में, खाना खाने से पहले, टॉयलेट जाने के बाद और जब भी हाथ गंदे लगें तो अच्छी तरह धोने चाहिए। हाथों को साबुन-पानी से 40 सैकेंड तक धोएं। हाथों में धूल नहीं लगी है तो अल्कोहॉल वाला सैनेटाइजर भी यूज कर सकते हैं।
5. साबुन-पानी से हाथ धोने के बाद डिस्पोजेबल पेपर नैपकिन से पोंछने चाहिए। पेपर नैपकिन नहीं हो तो साफ तौलिए से हाथ पोंछे। गीला होने पर उसे बदल दें।
6. मरीज के शरीर से निकले फ्लुइड के सीधे संपर्क में नहीं आएं। मरीज को संभालते वक्त हैंड ग्लव्ज पहनें। ग्लव्स पहनने और से पहले और उतारने के बाद हाथ भी साफ करें।
7. मरीज के साथ सिगरेट शेयर करने, उसके बर्तन, पानी, तौलिए और चादर के संपर्क में आने से बचें।
8. मरीज को खाना उसके कमरे में ही पहुंचाएं।
9. मरीज के बर्तन ग्लव्स पहनकर साबुन या डिटर्जेंट से साफ करें। ग्लव्स उतारने के बाद हाथ साफ करें।
10. मरीज के कमरे की सफाई करते वक्त, कपड़ों या चादर को धोने वक्त ट्रिपल लेयर मेडिकल मास्क और डिस्पोजेबल ग्लव्ज पहनें। ग्लव्स पहनने से पहले और उतारने के बाद अच्छी तरह हाथ धोएं।
11. इस बात का ध्यान रखें कि मरीज समय-समय पर दवाएं लेता रहे।
12. देखभाल करने वाला व्यक्ति या मरीज के नजदीकी संपर्क वाले लोग अपनी हेल्थ को खुद मॉनिटर करें। रोज शरीर के तापमान की जांच करें। कोरोना से जुड़े लक्षण दिखें तो तुरंत मेडिकल ऑफिसर से संपर्क करें।
आपको बता दें, इससे पहले स्वास्थ्य मंत्रालय ने 27 अप्रैल को गाइडलाइन जारी कर बहुत हल्के या प्री-सिम्प्टोमैटिक मरीजों को होम आइसोलेशन की इजाजत दी थी। अब होम आइसोलेशन वाले मरीजों और उनकी देखभाल करने वालों के लिए नए निर्देश जारी किए हैं।
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