हनुमानगढ़। सरकार द्वारा सरपंचों के कार्यकाल को बढ़ाने का ऐतिहासिक निर्णय लिया गया है। इस फैसले के तहत सरपंचों को उनके क्षेत्र का प्रशासक भी बनाया गया है। इस घोषणा के बाद पूरे राज्य में सरपंचों और ग्राम पंचायतों में खुशी की लहर दौड़ गई है। सरपंच संघ के जिलाध्यक्ष चौधरी नरेंद्र सहारण के नेतृत्व में सरपंचों ने इस निर्णय का स्वागत करते हुए जश्न मनाया।
हनुमानगढ़ में आयोजित सरपंच संघ की बैठक में जिलाध्यक्ष चौधरी नरेन्द्र सहारण ने इस फैसले को ऐतिहासिक और सरपंचों के अधिकारों को मजबूत करने वाला बताया। उन्होंने कहा कि इस निर्णय से ग्राम पंचायतों का प्रशासन और विकास कार्यों का संचालन अधिक सुचारु रूप से हो सकेगा। अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री और इस निर्णय में सहयोग करने वाले मंत्रियों का आभार व्यक्त किया और कहा कि यह कदम गांवों की प्रगति और सरपंचों की भूमिका को और सशक्त बनाएगा।
अध्यक्ष सहारण ने बताया कि सरकार के इस निर्णय के बाद सरपंच संघ जल्द ही जयपुर में एक विशेष कार्यक्रम आयोजित करेगा। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री सहित उन सभी मंत्रियों का सम्मान किया जाएगा जिन्होंने इस निर्णय को साकार करने में योगदान दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि इस सम्मान समारोह में प्रदेशभर के सरपंच भाग लेंगे और इसे एक ऐतिहासिक अवसर के रूप में मनाया जाएगा।
सरपंच सुनील क्रांति ने कहा कि कार्यकाल बढ़ाए जाने और प्रशासक के रूप में जिम्मेदारी मिलने से ग्रामीण विकास के लंबित कार्यों को पूरा करने का अवसर मिलेगा। कई सरपंचों ने इस फैसले को लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूती प्रदान करने वाला बताया।
सरपंच रोहित स्वामी ने कहा कि सरकार ने यह निर्णय लेकर ग्रामीण विकास और ग्राम पंचायतों के महत्व को समझा है। उन्होंने आश्वासन दिया कि सरपंच संघ इस निर्णय के लिए सरकार का विश्वास बनाए रखने हेतु हर संभव प्रयास करेगा।
सरकार के इस फैसले से ग्रामीण स्तर पर विकास कार्यों को गति मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। सरपंच संघ का यह निर्णय जयपुर में होने वाले सम्मान समारोह को लेकर और भी उत्साहवर्धक हो गया है।
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