हनुमानगढ़। ब्यूरोक्रेट्स की अमर्यादित भाषा पर अंकुश लगाकर उनपर कार्यवाही करते हुए शिक्षकों के साथ मर्यादित व्यवहार करने की मांग को लेकर बुधवार प्रदेश आह्वान पर राजस्थान शिक्षक संघ के सदस्यों ने प्रदर्शन करते हुए मुख्यमंत्री व् शिक्ष मंत्री के नाम का ज्ञापन सीडीपीओ तेजासिंह गदराना को सौंपा। प्रतिनिधि मंडल में शामिल संगठन के जिला अध्यक्ष संजय धारणिया ने बताया कि पाली जिले में संभागीय आयुक्त द्वारा विधालय के निरीक्षण के दौरान प्रधानाचार्य व अन्य शिक्षकों को अपमानित करने के लिए अवैधानिक वीडियो नाना व इसे वायरल करना दरअसल शिक्षक समुदाय व सार्वजनिक शिक्षा को बदनाम करने के लिए लम्बे समय से चलाई जा रही षडयंत्रकारी मुहीम का एक हिस्सा है। उन्होंने आरोप लगते हुए कहा की कोरोना महामारी की समयावधि की ही बात की जाये तो प्रसाशनिक अधिकारियो ने कोरोना की आड़ में शिक्षकों पर गैर शैक्षिक कार्य थोपकर उन्हें अपमानित करने का कोई भी मौका नहीं छोड़ा शिक्षकों पर ऐसे ऐसे कार्य थोपे गए जिनका कोरोना महामारी से कोई संबंध नहीं था हर आदेश में धमकीभरी भाषा का प्रयोग करते हुए अपमान,कार्यालयों में बुलाकर अपमान और कार्यस्थल पर पहुंचकर अपमान करना प्रसाशनिक अधिकारियो की निति बन चूका है परन्तु अब शिक्षक समुदाय इसे सहन नहीं करेगा। जिला मंत्री मनोहरलाल बंसल ने बताया कि पाली जिले की घटना के बाद सरकार को घमंडी व मर्यादाहीन प्रसाशनिक अधिकारियो पर ज्यादा भरोसा है तो शिक्षक समुदाय भी अब से सभी प्रकार के गैर शैक्षणिक कार्यो का बहिष्कार करते हुए अपने मूल कार्य अध्यापन पर फोक्स रखते हुए कर्तव्यनिष्ठा व ईमानदारी से अपना कार्य कर मिसाल कायम करने का कार्य करेगा।बंसल ने कहा कि सर्वविदित है कि शिक्षक और शिक्षण का संबंध छात्र से है कोरोना संक्रमण के चलते जब विद्यालय में छात्र ही नहीं है तो विद्यालयों का निरीक्षण करने का क्या औचित्य है।
ज्ञापन में पाली जिले के विद्यालय स्टाफ के साथ अमर्यादित व्यवहार करने और अपमानित करने के उद्देशय से वीडियो को शोशल मिडिया पर वायरल करने वाले ामभागिया आयुक्त डॉ समित शर्मा के विरुद्ध कार्यवाही करने व जाँच के लिए शिक्षाविदों और न्यायिक अधिकारियो का उच्चस्तरीय आयोग बनाने,महामारी काल में वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में ऑनलाइन शिक्षण प्रशिक्षण के लिए शिक्षकों व छात्रों को समुचित साधन उपलब्ध करवाने,शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यो से पूर्णत मुक्त रखते हुए गैर शैक्षिक अधिकारियो द्वारा विद्यालयों व कार्यो में दखलंदाजी पर प्रतिबंध लगाने,शिक्षण यांत्रिक कार्य नहीं है इसलिए निरीक्षण के दौरान अधिकारी शिक्षकों को हतोत्साहित करने की बजाय
प्रोत्साहित करने की मांग की गयी है.संगठा न सदस्यों ने संगठन सदस्यों की स्थानीय स्तर की समस्याओ से संबंधित 11 सूत्री मांग पत्र भी सीडीपीओ को सौंपा गया। इस दौरान सत्यदेव गोदारा,गुलशन,लालचंद झोरड़,नरेंद्र कस्वा,जोगेंद्र सिंह,राजेंद्र खोथ,ओम सुथार,रामसिंह बिश्नोई,साहबराम ,चरणजीत सिंह आदि संगठन सदस्य मौजूद थे।
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