जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के अंतिम दिन शिरकत करने आई बांग्लादेश की विवादित लेखिका तस्लीमा नसरीन ने यूनिफॉर्म सिविल कोड (समान नागरिक संहिता) की पैरवी की है। तस्लीमा अपने सेशन के दौरान पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी से भी नाराज दिखीं। नसरीन ने कहा- मेरे खिलाफ फतवा जारी करने वाले ममता के दोस्त हैं। बता दें जब वे डिग्गी पैलेस के फ्रंट लॉन में बोल रही थीं। उसी दौरान कुछ लोगों ने नारेबाजी की। पुलिस सिक्युरिटी सख्त कर दी गई थी।
महिला अधिकारों की बात करते हुए कहा, बांग्लादेश में हिंदू महिलाओं को पूरे अधिकार नहीं मिलते। लेकिन, हिंदुस्तान में हिंदू महिलाओं को बराबरी का अधिकार दिया गया है। लेकिन भारत में मुस्लिम महिलाओं को बराबर का हक नहीं दिया जा रहा। इस्लाम को माननेवाले और इस्लामिक देश जब तक खुद के लिए आलोचना नहीं सुनेंगे, तब तक वे सेक्युलर नहीं हो सकते। धर्म कोई भी हो, महिलाओं के खिलाफ ही होता है। उनके अधिकार की बात नहीं करता। सेक्युलर लेखकों का मर्डर नहीं होना चाहिए। शिक्षा से ही चीजें बदल सकती हैं। इनटॉलरेंस हर सेक्टर में है। मैं राष्ट्रवाद में भरोसा नहीं करती। बल्कि वन वर्ल्ड और वन पासपोर्ट में भरोसा करती हूं।
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