गुजरात में महामारी की तरह फैला स्वाइन फ्लू, देश के कई राज्यों में अलर्ट

देश में सात जुलाई तक साढ़े बारह हजार स्वाइन फ्लू के मामले सामने आए हैं। जिनमें 600 लोगों की मौत हो चुकी हैं। 7 जुलाई से 15 अगस्त तक के आंकड़े जोड़े जाएं तो आंकड़ा और भयावह हो जाएगा।

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नई दिल्ली: देश में बड़ी तेजी से कई इलाकों में स्वाइन फ्लू कहर बरपा रहा है। अगर बात अकेले गुजरात की करें तो इस साल जनवरी से अबतक 208 लोगों की मौत हो चुकी हैं। वहीं उत्तर प्रदेश और दिल्ली समेत देश के कई और हिस्सों में भी स्वाइन फ्लू तेजी से फैलता जा रहा है। गुजरात में एच1एन1 वायरस से संक्रमित 994 मरीज अस्पताल में अपना इलाज करा रहे हैं। राज्य सरकार ने बुधवार को इसकी जानकारी दी। गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री शंकर चौधरी ने बताया कि प्रशासन 5,000 डॉक्टरों की मदद से स्वाइन फ्लू का प्रसार रोकने के लिए जरूरी कदम उठा रहा है।

अहमदाबाद  में 55 लोगों की मौत

अहमदाबाद के सिविल अस्पताल के वॉर्ड में मरीजों के रहने के लिए जगह ही नहीं है। अकेले इसी अस्पताल में 66 स्वाइन फ्लू के मरीज हैं। सिर्फ अहमदाबाद में करीब 500 लोग स्वाइन फ्लू से प्रभावित हैं। जिनमें से 55 लोगों की मौत हो चुकी है।

गुजरात में महामारी की तरह फैला स्वाइन फ्लू

गुजरात में इस साल करीब 1900 केस स्वाइन फ्लू के दर्ज हुए हैं। करीब 700 मरीज ठीक हो चुके हैं और करीब 1000 मरीजों का इलाज चल रहा है। राज्य में दो सौ से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। 200 मौतों के बाद गुजरात सरकारी जागी है. इस हालात से निपटने के लिए घर-घर जाकर सर्वे किया जा रहा है। लोगों को जागरूक किया जा रहा है।

यूपी के मेरठ में आठ लोगों की मौत

उत्तर प्रदेश के मेरठ में स्वाइन फ्लू से अबतक करीब आठ लोगों की मौत हो चुकी है। मेडिकल कॉलेज में भर्ती स्वाइन फ्लू के तीन रोगियों की 14 अगस्त को मौत हो गई। परिवार ने लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा किया। बाद में पुलिस को मामले में हस्तक्षेप करना पड़ा। मेरठ मेडिकल कॉलेज में बीते एक सप्ताह में तकरीबन 20 मामले सामने आए।

  • उत्तर प्रदेश में इस साल स्वाइन फ्लू के करीब 700 मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें 21 मौत की बात सामने आई है।
  • देश की राजधानी दिल्ली में 10 अगस्त तक स्वाइन फ्लू के 753 मामले सामने आए हैं जिनमें चार लोगों की मौत हो चुकी है।
  • देश में सात जुलाई तक साढ़े बारह हजार स्वाइन फ्लू के मामले सामने आए हैं। जिनमें 600 लोगों की मौत हो चुकी हैं। अगर 7 जुलाई से 15 अगस्त तक के आंकड़े जोड़े जाएं तो आंकड़ा और भयावह हो जाएगा। साल 2015 में स्वाइन फ्लू से मरने वालों की संख्या करीब 3000 थी।

क्या है स्वाइन फ्लू?

स्वाइन इन्फ्लूएंजा एक संक्रामक सांस की रोग है जो आमतौर पर सुअरों में होता है। अप्रैल 2009 में स्वाइन फ्लू इंसानों से इंसानों में फैलना शुरू हुआ। इसके लक्षण मौसमी बुखार जैसे ही होते हैं बुखार, थकान, और भूख की कमी, खांसी और गले में खराश शामिल हैं। कुछ लोगों को उल्टी और दस्त भी हो सकती है। सांस में तकलीफ होने पर तुरंत डॉक्टरों से संपर्क करें।

स्वाइन फ्लू को तीन बातों का ध्यान रखकर रोका जा सकता है।

सफाई रखें। लगातार बीस सेकेंड तक हाथ साबुन से साफ करें ताकि स्वाइन फ्लू के वायरस मर जाएं। छींकते और खांसते समय रूमाल या टिश्यू का इस्तेमाल करें। इसे फैलने से रोकें। अगर बीमार हैं तो अकेले में रहें। मास्क पहन कर रखें ताकि इसके वायरस दूसरे लोगों तक ना फैले।

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