स्वामी राम दयाल महाराज ने किया अमृत महोत्सव का आगाज

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संवाददाता भीलवाड़ा। राम है तो राष्ट्र है और राष्ट्र है तो हम सब हैं इसलिए हमारे जीवन का मूल्य राष्ट्र होना चाहिए । मृत्यु तो प्रत्येक व्यक्ति की होती है लेकिन मुक्ति उसी की होती है जो राष्ट्र के लिए अपने जीवन का सर्वस्व समर्पित कर दें । शाहपुरा की पावन धरा पर बारहठ परिवार इसका जीता जागता उदाहरण है जिसने राष्ट्र यज्ञ में अपने प्राणों की आहुति देने में अग्रणी रहा इसीलिए आज उनका नाम स्वर्णिम अक्षरों में अंकित है । आज भी बारहठ परिवार के बलिदान की गाथा पूरे देश भर में गूंजती है । यह बात श्री श्री 1008 परम पूज्य जगद्गुरु स्वामी राम दयाल जी महाराज ने नव संवत्सर के पावन अवसर पर संबोधित करते हुए राम धाम में कहीं । स्वामी जी ने कहा कि भारत की आत्मा राम है । राम मनुष्य के जीवन का आधार है । राम है तो मनुष्यत्व है । राम है तो संस्कृति है । राम है तो संस्कार है । इसलिए राम स्वयं राष्ट्र है । कुंवर प्रताप सिंह बारहठ सेवा संस्थान द्वारा आयोजित होने वाले आजादी के 75 वें अमृत महोत्सव का स्वामी राम दयाल जी महाराज के पावन सानिध्य में शुभारंभ हुआ । इस अवसर पर स्वामी जी ने प्रताप सिंह बारहठ सेवा संस्थान व संस्कार भारती को आजादी के 75 वें अमृत महोत्सव को गांव गांव तक एक जन चेतना के रूप में पहुंचाने का आशीर्वाद भी प्रदान किया । स्वामी जी ने भारत विकास परिषद की नवनिर्वाचित कार्यकारिणी को शपथ दिलाते हुए भारत विकास परिषद् के कार्यों की प्रशंसा की । इस अवसर पर कैलाश सिंह जाड़ावत द्वारा लिखा गीत प्यारो शाहपुरो संता री ठावी ठोड़ की कैलाश सिंह जाड़ावत, परमेश्वर प्रसाद कुमावत, भगवान लाल गोस्वामी ने प्रस्तुति दी । कार्यक्रम में नवनिर्वाचित भारत विकास परिषद की कार्यकारिणी के अध्यक्ष जय देव जोशी, सत्यनारायण सेन, भागचंद मंत्री, दीनदयाल मारू, पवन कुमार बांगड़, नारायण सिंह,कुंवर प्रताप सिंह बारहठ सेवा संस्थान के रामस्वरूप काबरा, सरोज राठौड़, घीसा लाल बेरवा, राम प्रसाद सेन, उपस्थित थे । संस्कार भारती की कार्यकर्त्री सरोज राठौड़ व उनकी टीम ने रामद्वारा के बाहर सुंदर रंगोली भी निर्मित की।

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