जब सरहद पर जनाजे उठ रहे हो तो पाकिस्तान से बातचीत अच्छी नहीं लगती-सुषमा

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नई दिल्ली: ईराक के विदेशमंत्री से मुलाकात से ठीक पहले विदेशमंत्री सुषमा स्वराज ने दिल्ली में एक प्रेसवार्ता में पाकिस्तान पर जमकर हमला किया। प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरूवात में सुषमा ने बीजेपी सरकार के चार साल होने पर कहा कि पीएम मोदी की  रणनीतियों और योजनाओं का कमाल है कि जब भारत बोलता है तो पूरी दुनिया सुनती है। वहीं सुषमा ने पाकिस्तान के साथ बातचीत पर पूछे गए सवालों पर दो टूक जवाब देते हुए कहा जब सरहद पर जनाजे उठ रहे हों तो बातचीत की आवाज अच्छी नहीं लगती।

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने 4 फॉर्मूला रखे थे, तब भी मैंने कहा था कि आंतकवाद छोड़ना ही एक फॉर्मूला है। पठानकोट हमला, सीमा पर फायरिंग और घुसपैठ के बीच बातचीत नहीं हो सकती है। हालांकि, जो मैकेनिज्म बना है, उसके जरिए बातचीत होती है। हम ये कहते हैं कि आतंकवाद पर बात जारी रहनी चाहिए। औपचारिक बातचीत रुकने पर ये जरिए होते हैं बातचीत करने के। सुषमा स्वराज ने कहा- “गिलगिट बाल्टिस्तान की बात है, तो हमने उच्चायुक्त को उसी दिन तलब किया जब पाकिस्तान ने उसे पांचवां राज्य बनाने की बात की थी।”

वीके सिंह की गुपचुप यात्रा पर बोली सुषमा-
अमेरिका का सवाल है तो सेक्रेटरी कैरी के आने पर सवाल आया था कि यूएस ने एम्बेसी हटाने की बात कही थी। तब हमने कहा था कि अगर अमेरिका को बातचीत की जरूरत पड़े तो उनके मित्र राष्ट्र की एम्बेसी वहां होनी चाहिए। हमसे नॉर्थ कोरिया में कोई रोल भारत अदा नहीं कर रहा है। हमारे उनसे द्विपक्षीय संंबंध हैं और उसी के तहत जनरल वीके सिंह ने वहां की यात्रा की है।”

पिछले साल की तुलना में एफडीआई में 43% की बढ़ोतरी
सुषमा स्वराज ने कहा- “एफडीआई के आंकड़े जो दिए हैं मई 2014 से फरवरी 2018 तक के हैं। पिछले साल की तुलना में इसमें 43 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। हिंदी फ्लैगशिप प्रोग्राम में नहीं है। लेकिन, संयुक्त राष्ट्र में अधिकृत भाषा बनने की प्रक्रिया है और इस संंबंध में भारत प्रयास कर रहा है और इस बारे में हम बहुत जल्द आपको जानकारी देंगे।

विदेशी नीतियां किसी के मोह की मोहताज नहीं-
हम अपनी विदेश नीति ना किसी देश के मोह में बनाते हैं और ना ही किसी के दबाव में। किसी देश की प्रतिक्रिया के लिए भी नहीं बनाते हैं। दो दिन के बाद मेरी ईरान के विदेशमंत्री से बातचीत होगी। हम अमेरिकी रोक को मानते हैं,लेकिन किसी देश विशेष पर रोक को नहीं मानते हैं। पिछली बार भी ऐसी हालात में हमारा उनसे व्यापार चल रहा था। बैंकों के भारत में आने का कोई प्रस्ताव नहीं है।

डोकलाम की स्थिति पर बोली सुषमा-
चीन पर सुषमा ने कहा, डोकलाम के बारे में हम बता दें कि वहां यथास्थिति बनी हुई है कोई बदलाव नहीं हुआ है। इसका मतलब ये है कि दोनों देशों को सेनाएं खुद ही लाइन क्रॉस कर जाती हैं तो इस बात को सेनाएं समझें। विवाद की स्थिति ना बने।’

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