देश की पहली शादी, जहां भारतीय सरकार चुनेगी दुल्हा, दहेज के नाम पर मिलेगी ये सुविधा

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इंदौर: ये किसी रूपहले पर्दे की कहानी नहीं, बल्कि हकीकत है कि देश में किसी शादी में भारत सरकार घराती के रूप में रहेगी। विदेश मंत्रालय ही लड़की के लिए वर का प्रारंभिक रूप से चयन करेगा और उसे घर, नौकरी व गृहस्थी का अन्य सामान देगा। लड़कों का बायोडाटा पहले विदेश मंत्री सुषमा स्वराज देखेंगी तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी शादी में मदद करेंगे।

सरकार यह सब तैयारी इंदौर में रह रही 24 वर्षीय मूक-बधिर गीता के लिए कर रही है, जिसे लगभग ढाई साल पहले पाकिस्तान से लाया गया था। इसके लिए परिचय सम्मेलन से लेकर सोशल साइट तक दूल्हे की तलाश की जा रही है। अब तक 12 युवा गीता से शादी की इच्छा जता चुके हैं। इनमें लेखक से लेकर पंडित तक शामिल हैं। गीता गुमाश्ता नगर स्थित मूक-बधिक संगठन में रह रही है।

संगठन की मोनिका पंजाबी ने बताया कि और युवाओं ने मोबाइल पर कॉल कर गीता से शादी की इच्छा जताई है। हमने बायोडेटा मंगवाए थे। उन्हें विदेश मंत्रालय भेज दिया है। वहीं, उससे शादी के इच्छुक कुछ युवाओं से सांकेतिक भाषा विशेषज्ञ ज्ञानेंद्र पुरोहित ने बात की तो उन्होंने सुविधाओं से इतर अलग-अलग कारणों से गीता को अपनी पसंद बताया है। ज्यादातर का कहना है कि गीता के फेमस होने के कारण वे उससे शादी करना चाहते हैं।

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पुरोहित ने युवकों से मुख्य रूप से यह सवाल पूछे- 
1. गीता से ही शादी क्यों करना चाहते हैं?
2. क्या घर वाले इस शादी के लिए तैयार हैं?

वर के लिए योग्यता भी तय : सुंदर हो, कम्प्यूटर जानता हो 
मूक-बधिर संगठन की प्रबंधक डॉ. उषा पंजाबी के मुताबिक वर के लिए कुछ योग्यताएं भी तय की गई हैं। इसके मुताबिक लड़का सुंदर, पढ़ा-लिखा, ईमानदार, नेकदिल, स्वस्थ, कम्प्यूटर संचालन का अनुभव रखता हो।

Geeta arrives in Indore

15 परिवारों ने किया बेटी होने का दावा 
अब तक बिहार, उत्तरप्रदेश, झारखंड, तेलंगाना और मध्यप्रदेश से करीब 15 परिवार दावा कर चुके हैं कि गीता उनकी बेटी है। सभी से कलेक्टर कार्यालय में गीता को मिलवाया भी गया है। सभी की डीएनए जांच के लिए सैंपल दिल्ली भेजे गए हैं। हालांकि किसी भी सैंपल से गीता का डीएनए मैच नहीं हुआ है।

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विदेश मंत्रालय ही को-आॅर्डिनेट करेगा सारी चीजें 
शादी के मामले में अंतिम निर्णय गीता का ही होगा लेकिन इसकी सारी चीजें विदेश मंत्रालय से ही को-आॅर्डिनेट होंगी। हमें जैसे निर्देश मिलेंगे, वैसे अमल करेंगे।
निशांत वरवड़े, कलेक्टर, इंदौर

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