हनुमानगढ़। शनिवार को रयान कॉलेज के विद्यार्थियों द्वाराबसहायक प्रोफेसर सुभाष वर्मा, हेमपुष्प शर्मा, सुमीना यादव, श्वेता छाबड़ा के निर्देशन में टाउन शहीदी स्मारक का भ्रमण कर शहीदों के इतिहास के बारे में जानकारी ली। शहीदी स्मारक प्रबंध समिति के सदस्य शंकर सोनी ने विद्यार्थियों को शहीदों के इतिहास के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि अंग्रेजों की गुलामी से देश को आजाद कराने की जज्बा लिए क्रांतिकारियों ने अपने अदम्य साहस और बलिदान से ब्रिटिश हुकूमत की जड़ें हिला दी। भगत सिंह ,राजगुरु और सुखदेव ऐसे ही महान क्रांतिकारी थे जिन्होंने देश के लिए न सिर्फ कुर्बानियां दी बल्कि अपने विचारों और शोध से सोच से क्रांतिकारी दर्शन को आगे बढ़ाया । इन तीनों क्रांतिकारियों ने देश की आजादी के लिए अपना सब कुछ न्योछावर कर दिया । 23 मार्च 1931 को भारत के इन तीन वीर नौजवानों को एक साथ फांसी दे दी गई द्य पूरा देश उन वीर शहीदों की याद में शहीद दिवस मनाता है. अपने बलिदान से भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु ने साम्राज्य विरोधी संघर्ष को पैनी धार और गति देने का काम किया । विद्यार्थियों को शहीदों के चित्र सहित उनके इतिहास की जानकारी दी। महाविद्यालय प्राचार्य डॉ संतोष राजपुरोहित ने शहीदी स्मारक की प्रशंसा करते हुए कहा कि शहीद स्मारक में अनेकों गुमनाम शहीदों के नाम हमेशा के लिए दर्ज हो गए। हमारे पूर्वजों ने देश के लिए प्राण न्योछावर किए हैं। यह शहीदी स्मारक की बदौलत हमारी आने वाली पीढ़ी भी देश के लिए आन बान शान कुर्बान करने के लिए हमेशा तत्पर रहेगी।
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