हनुमानगढ़ टाउन के गौशाला परिसर में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा का समापन रविवार को हवन यज्ञ के साथ विधिवत रूप से हुआ। इस आयोजन की अगुवाई सज्जन बंसल डिंगवाला ने की, जिन्होंने सात दिनों तक भक्तों के लिए कथा का आयोजन किया। कथा के दौरान पूज्य श्री मुरलीधर जी माधव ने अपने सरल और प्रभावशाली शब्दों में श्रीकृष्ण की दिव्य लीलाओं का वर्णन किया, जिसे सुनकर उपस्थित श्रद्धालु भावविभोर हो गए। कथा के दौरान पूज्य श्री मुरलीधर जी माधव ने श्रीमद्भागवत महापुराण के विभिन्न प्रसंगों का वर्णन किया। भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं, गोवर्धन पर्वत की कथा, रासलीला, और भक्तों के प्रति उनकी कृपा के सुंदर प्रसंगों ने श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। कथा का प्रमुख उद्देश्य समाज में धर्म, भक्ति, और सेवा की भावना को जागृत करना था। रविवार को कथा के समापन अवसर पर हवन यज्ञ का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया। यज्ञ में विधिविधान से पूजा-अर्चना की गई, और सभी ने पूर्ण आहुति देकर अपने परिवार व समाज की सुख-शांति की कामना की। श्रद्धालुओं की आस्था और भक्ति का माहौल देखते ही बनता था।
समापन के अवसर पर आयोजक सज्जन बंसल डिंगवाला और लोकेश बंसल डिंगवाला ने कथा वाचक पूज्य श्री मुरलीधर जी माधव का सम्मान शाल ओढ़ाकर और यथाशक्ति दक्षिणा देकर किया। उन्होंने कथा के माध्यम से धर्म की ज्योति फैलाने के लिए श्री मुरलीधर जी का हृदय से आभार व्यक्त किया। सज्जन बंसल डिंगवाला ने गौवंश की सेवा के प्रति अपनी आस्था प्रकट करते हुए गौशाला में पांच सवामणियों का दान दिया। उन्होंने उपस्थित श्रद्धालुओं से भी गौसेवा के प्रति समर्पण की अपील की। गौशाला समिति ने उनके इस पुण्य कार्य के लिए आभार प्रकट किया। समापन के बाद आयोजकों ने सभी श्रद्धालुओं का धन्यवाद करते हुए कहा कि इस आयोजन की सफलता सभी धर्मप्रेमी जनता के सहयोग से संभव हो पाई है। उन्होंने गौशाला समिति का भी विशेष आभार व्यक्त किया, जिन्होंने कथा आयोजन में हर संभव सहयोग प्रदान किया।
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