हनुमानगढ़। जंक्शन स्थित श्री बाबा रामदेव मंदिर प्रांगण में गत सात दिनों से चल रहे श्रीमद्भागवत कथा एवं नानी बाई का मायरा महोत्सव का भव्य समापन सोमवार को भगवान श्रीकृष्ण और सुदामा की मित्रता की कथा के साथ हुआ। इस सात दिवसीय धार्मिक आयोजन में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी और अंतिम दिन भक्तिभाव से ओतप्रोत वातावरण में कथा श्रवण किया गया। कार्यक्रम के अंतिम दिन की कथा में प्रसिद्ध बालसंत श्री भोलेबाबा जी महाराज ने कंस वध और श्रीकृष्ण-सुदामा की कथा का भावपूर्ण वर्णन किया। कथा में बालसंत ने बताया कि किस प्रकार भगवान श्रीकृष्ण ने अधर्म और अत्याचार के प्रतीक कंस का वध कर धर्म की स्थापना की और अपने बचपन के मित्र सुदामा की दरिद्रता को अपने प्रेम और कृपा से दूर किया। उन्होंने श्रीकृष्ण और सुदामा की मित्रता को निष्कलंक, निष्काम और सच्चे प्रेम का प्रतीक बताया।
भोलेबाबा जी महाराज ने कहा कि श्रीमद्भागवत केवल एक ग्रंथ नहीं, बल्कि मानव जीवन के लिए मार्गदर्शक है, जो भक्ति, प्रेम, सेवा और त्याग का संदेश देता है। उन्होंने श्रद्धालुओं को धर्म के पथ पर चलने, सद्कर्म करने और जीवन में सत्य, प्रेम और करुणा को अपनाने की प्रेरणा दी।
महोत्सव के दौरान मंदिर परिसर को भव्य रूप से सजाया गया था। हर दिन सैकड़ों श्रद्धालु कथा श्रवण के लिए उपस्थित रहे। भजन-कीर्तन, आरती और प्रसाद वितरण के साथ संपूर्ण वातावरण आध्यात्मिक ऊर्जा से परिपूर्ण रहा। कार्यक्रम के समापन पर आयोजकों द्वारा सभी श्रद्धालुओं का आभार व्यक्त किया गया और समाज में प्रेम, भाईचारे व धार्मिक मूल्यों को बढ़ावा देने का संकल्प लिया गया।
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