हनुमानगढ़। शहर की सुख स्मृद्धि व खुशहाली की कामना को लेकर 7 मार्च से 14 मार्च तक आयोजित संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन जंक्शनन कि नई धान मंडी स्थित दुर्गा मन्दिर में किया जा रहा है आज कि यजमान नगरपानिका की पूर्व चेयरपर्सन व पार्षद श्रीमती सन्तोिष बंसल थी, उन्होृने आज कि पुजा करवाई । आज पॉचवें दिन कथा वाचन नवल बिहारी शर्मा जी महाराज ने उपस्थित श्रदालुओं को प्रहलाद की कथा के माध्यम से बताया कि चाहे कितने भी संकट आ जाए हमें घबराना नही चाहिए। बल्कि परमात्मा के नाम का चिन्तन करना चाहिए। जीवन तो संघर्ष है, दुखो के आने से जीवन और अधिक उजला होता है। आज कथा स्थल पर श्री कृष्ण जन्म महोत्सव एंव श्रीराम जन्म महोत्सव मनाया गया। कृष्ण जन्म की सचित्र झांकिं देखकर श्रदालु भावविभोर हो गये, और श्री कृष्ण की जय, नन्द के लाल की जय के जयकारे लगाने लगें। श्री कृष्ण के जन्म महोत्सव पर कथा स्थल को भी बहुत सुन्दर तरीके से सजाया गया था
महाराज जी ने रामकथा मे सुनाया कि हमें, जो राम ने किया वो करना चाहिए। व कृष्ण ने जो कहा वो अपने जीवन में उतारना चाहिए। उन्होने कहा कि तोता को मां का भक्ति का अवतार माना जाता है, यदि भक्ति मार्ग को अपनाया जाये तो
आत्मा हमें भूला नही सकती। और हमें परमात्मा से मिला देती है। उन्होने बताया कि रावन के वध के समय में सुनाया कि जब तक अपने अन्दर के रावन को यानि अहंकार को नही मारोगें। तब तक ज्ञान भक्ति करने से कोई लाभ नही मिलेगा। भरत को उन्होने कथा के माध्यम से सुनाया कि ममता ही बंधन का कारण है। उन्होने कहा कि राज, व्यापार, घरबार कोई बंधन नही होते इनमे ममता होने से बंधन बनता है । कथा के बाद श्रदालुओं में प्रसाद वितरित किया गया। आयोजन समिति के सदस्य अमरनाथ सिंगला, गोपाल जिंदल व श्याम सुंदर झवर ने बताया कि कथा प्रतिदिन दोपहर 2ः30 बजे से 5ः30 बजे तक कि जा रही है । इस आयोजन में संदीप मित्तल, अमरनाथ सिंगला, गोपाल जिंदल, राकेश सिंगला,
सुरेन्द्र बलाड़िया, राजेश सिंगला, त्रिलोक चंद, मंगतराय जिंदल, आत्माराम सिंगला का विशेष सहयोग रहा।
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