हनुमानगढ़। एसआरएस शिक्षण संस्थान की बैठक सोमवार को जंक्शन सैक्टर 12 के मालवा पब्लिक स्कूल में आयोजित की गई। बैठक में शिक्षा बजाओ संयुक्त संघर्ष समिति दयावान प्रदेश के पचास हजार शिक्षण संस्थाओं ने एक साथ हमारी मांगे नहीं माने तो 5 नवंबर से करेंगे पूर्णता स्कूल बंद लिया निर्णय निजी स्कूल संचालकों की समस्याओं पर चर्चा करते हुए स्कूल संचालक भारतभूषण कौशिक की आंखे नम हो उठी। एसआरएस शिक्षण संस्थान के जिलाध्यक्ष सुरेश चंद्र शर्मा ने बताया कि स्कूल संचालक शिक्षा के मंदिर को बंद कर नरेगा में काम करने व अन्य कार्य करने को मजबूर है। उन्होने बताया कि निजी स्कूल संचालकों की जो आंखे नम है वह उनकी मजबूरी का दर्द है जो उनकी आंखे ब्यान कर रही है। उन्होने बताया कि स्कूला संचालकों के खुद के बच्चे या परिवारजन घर को रोशन करने व खुशियों को बांटने के लिये कुछ मांगते है तो वह समझा बुझा कर मना कर देते है परन्तु जो शिक्षक उनके स्कूल में पढ़ा रहे थे जब उनके बच्चे भी स्कूल संचालक की और उम्मीद भरी नजरों से देखते है तो स्कूल संचालक त्यौहार के समय में अपनी मजबूरी को देखते हुए कमजोर पड़ जाता है। उन्होने बताया कि खुशियों व रोशनी का त्यौहार दीपावली है परन्तु इस वर्ष स्कूल संचालक व शिक्षकों के घरों में यह रोशनी से भरी दीपावली भी उनके घरों को रोशन नही कर पायेगी। बैठक में तय किया गया कि 05 नवम्बर से सम्पूर्ण राजस्थान के निजी स्कूल पूर्णत बंद रहेगे। उन्होने बताया कि सात माह से चले आ रहे निजी स्कूलों सरकार एवं अभिभावकों के बीच फिस का मुददा आर.टी.ई राशि का भुगतान (जो हमारा हक है) आर्थिक आधार पर राहत पैकेज (जो सरकार की जिम्मेदारी है) रस्सा कशी इस मोड़ पर पहुंच गई है कि पैसे के अभाव में राजस्थान के सभी निजी स्कूलों की आर्थिक स्थिती अब बदहाल हो गई है। राजस्थान के सभी निजी स्कूल संगठनों (आर. बी.एस.ई. बोर्ड, सी. बी.एस.ई बोर्ड मिशनरी स्कूल)की बदहाल आर्थिक स्थिति के चलते आगामी 05 नवम्बर से विद्यालयों का संचालन सम्पूर्ण से बन्द करने को मजबूर है महोदय पिछले 07 माह से बड़ी मुश्किल के साथ ऑन लाईन क्लास व अन्य व्यवस्थायें की जा रही है लेकिन आगे यह सम्भव नहीं हो सकेगा ओर निजी स्कूल संचालकों के पास स्कूल पूर्ण रूप से बन्द करने के अलावा कोई ओर विकल्प नहीं रहेगा। स्कूल संचालकों ने सरकार से मांग करते हुए आर.टी.ई पूर्ण भरण राशि 2019-20 की द्वितीय किश्त का भुगतान दिपावली से पूर्व करवाने का कष्ट करें तथा दिपावली के बाद किश्त के अग्रिम भुगतान की व्यवस्था करने का कष्ट करें। क्यों कि शिक्षा के अधिकार के अधिनियम के अन्र्तगत बच्चों की शिक्षा की सम्पूर्ण जिम्मेदारी सरकार की होकी है अतः संक्रमण काल महामारी को ध्यान में रखते हुए तथा अभिभावकों की मजबूरी को समझे हुए आर्थिक आधार पर राहत पैकेज की घोषणा अविलम्ब करने की घोषणा करे। स्कूल संचालकों ने माननीय मुख्यमंत्री महोदय से मार्मिक अपील के साथ अपनी व अपने कर्मचारियों एवं उनके परिवार की पीड़ा रखते हुए ये अनुरोध करते हैं कि अविलम्ब हमारी मांगे मान कर राहत प्रदान करे। महोदय दूर दराज ग्रामीण क्षेत्र के हमारे 16 स्कूल संचालक आर्थिक तंगी के कारण आत्महत्या कर चुके है अतः भविष्य में इस दुखदायी घटना की पुनरावर्ती न हो हमारी पुनः एक बार कर बद्द अपील कि हमें भी दिपावली मनाने का हक देने ओर हमारे परिवार की खुशियां लौटाने में सहयोगी बने। बैठक के पश्चात जिला कलक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया। इस मौके पर बाबूलाल जुनेजा, सुरेश शर्मा, रामेश्वर गिल्ला, बलवीर राहड़, प्रदीप पुरोहित, राजाराम कस्वां, महावीर सींवर, बजरंग कस्वां, भागीरथ सैन, भारतभूषण कौशिक, राजेश दादरी, रणजीत सिंह ढिल्लो, अशोक सुथार, अमरजीत शाक्य, गुरप्रीत सिंह, बलकरण सिंह, अशोक घरू, फुल सिंह, प्रवीण गोयल, चानणराम चैधरी, राजेन्द्रपाल सिंह, मलकीत सिंह मान, गजेन्द्रपाल सिंह, दलबीर सिंह, मामराज व अन्य स्कूल संचालक मौजूद थे।
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