अधरशिला पुर में आध्यात्मिक कार्यशाला आयोजित

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संवाददाता भीलवाड़ा। पुर उपनगर पुर स्थित अधरशिला महादेव के प्राकृतिक परिवेश में आध्यात्मिक गुरु और मोटिवेटर संदीप नूतन के निर्देशन में कार्यशाला आयोजित हुई। नूतन ने अपने उद्बोधन में कहा कि हमारा देश आदिकाल से अध्यात्म के कारण विश्व में अपना विशिष्ट स्थान रखता है। योग, साधना, यम, नियम से अपने जीवन को कलात्मक तरीके से जी सकते हैं। अध्यात्म से बच्चों और युवाओं का सर्वांगीण विकास किया जा सकता है। आज युवा अपने संस्कारों को लेकर तर्क करते हैं। इसकी वजह है कि अध्यात्म को जीवन का हिस्सा बना रखा है। आज सारा विश्व अवसाद से जूझ रहा है। हम काफी बार बहुत छोटे से निर्णय में भी बहुत अधिक समय लगा देते हैं। अध्यात्म के जरिये बहुत छोटे छोटे तरीकों से हम मानसिक रूप से मजबूत और निडर होकर जीवन को आनंदमय बना सकते हैं।
मनुष्य भक्ति तो डरकर करता है और कर्म निडर होकर। जबकि अध्यात्म हमें बताता है कि भक्ति निडर होकर करनी चाहिए। कर्म हमें सोच समझ कर करना चाहिए। संदीप नूतन ने युवाओं को बताया कि ईश्वर द्वारा दिए गए अमूल्य जीवन का कुछ हिस्सा ईश्वर के स्मरण में भी लगाना चाहिए। अपने विचारों पर नियंत्रण, सांसों पर अवधान से हम साधना की राह पकड़ सकते हैं। युवाओं की जिज्ञासा का समाधान अध्यात्म के जरिए बताया। अंकित जैन ने अपने अनुभव से बताया कि कैसे हम अध्यात्म की राह से जीवन जीने का तरीका बदल सकते हैं। अमित जैन ने परिचय रखा एवं कार्यक्रम के आकर्षण टिंकू पण्डित एवं पंकज आचार्य पण्डित ने महादेव का रूद्राभिषेक करके कार्यक्रम में अपने अनुभव रखें। इस अवसर पर साहित्यकार सतीश व्यास आस ने भी जीवन में शिवत्व अपनाने की महत्ता पर बात रखी कि शिवत्व अपने आप को पारदर्शी होकर देख लेना एवं जान लेना है।
उक्त अवसर पर प्रभुलाल जांगिड़, जयदेव अजित सिंह कोटड़ी, चंद्रेश टेलर भी उपस्थित थे। कार्यक्रम का सफल संचालन रोहित विश्नोई सुकुमार ने किया।

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